प्रदेश मंत्री मण्डल में शिवपुरी से किस चेहरे की होगी शुमारी, अटकलों का बाजार गर्म

अब से पूर्व शिवपुरी जिले से पूरे 7 मंत्री कर रहे थे प्रतिनिधित्व

किसकी लगती है लॉटरी फैसला 20 से पहले आने की सम्भावना

  • देवेन्द्र, महेन्द्र, प्रीतम और रमेश की दावेदारी पर टिकी निगाहें

मोहन यादव के मंत्री मण्डल गठन को लेकर शिवपुरी जिले वासियों की टकटकी लगी हुई है।सीएम मोहन यादव प्रमुख नेताओं के साथ नामों को लेकर मंथन कर चुके हैं, दो से तीन दौर की बैठक के बाद नाम फ ाइनल होने की स्थिति बनती दिखाई दे रही है। शिवपुरी जिले की बात करें तो इस बार शिवपुरी ने एक दो नहीं बल्कि पूरे 4 सीटों का तोहफा भाजपा को दिया है और इससे पूर्व शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री को और मंत्री का दर्जा प्राप्त चेहरों को मिलाकर पूरे 7 मिनिस्टर सत्तासीन थे।

इनको देखते हुए प्रदेश में शिवपुरी का क्या कुछ हिस्सा मौजूदा मंत्री मण्डल में होगा यह देखना काबिले गौर होगा। वैसे देखें तो इस समय शिवपुरी से सबसे सीनियर विधायक के तौर पर विधायक देवेन्द्र जैन तीन बार के विधायक हैं और मुख्यालय का प्रतिनिधित्व करते हैं तो उनके नाम को इसी आधार पर आगे किया जा रहा है। इसके अलावा कोलारस के विधायक महेन्द्र यादव सिंधिया समर्थक होने के साथ साथ पिछड़ा वर्ग से आते हैं और दूसरी बार के विधायक हैं वे जिले में सर्वाधिक मतों से विजयी भी रहे हैं ऐसे में यदि सिंधिया का दखल चला तो महेन्द्र की दावेदारी मंत्री पद के लिए हो सकती है। पिछोर के प्रीतम लोधी पिछड़ा वर्ग से आते हैं, उन्हें उमा समर्थक माना जाता है। ऐसे में वे भी मंत्री पद के लिए दावेदारों की कतार में हैं। हालांकि वे पहली बार के विधायक हैं मगर जब पहली बार का विधायक राजस्थान में सीएम बन सकता है तो ऐसे में वे मंत्री पद पर आसीन क्यों नहीं हो सकते इसी सोच को लेकर उनके समर्थक उनकी ताजपोशी के इंतजार में हैं।

यहां करैरा सीट से दलित विधायक संघ के पुराने चेहरे और राममंदिर निर्माण के आंदोलन में अपना स्थाई तौर पर खो चुके रमेश खटीक भी दावेदारी में पीछे नहीं, यहां बता दें रमेश खटीक इससे पूर्व मंत्री का दर्जा प्राप्त भी रहे हैं ऐसे में उनके समर्थकों का कहना है कि रमेश के नाम पर संघ की सहमति बन सकती है। बहरहाल सबके अपने दावे हैं और दावेदारी के पीछे अपने अपने तर्क भी हैं मगर इस बार जिस तरह का जनादेश प्रदेश सरकार को मिला है उसके दृष्टिगत नेतृत्व पर कोई प्रेशर पॉलिटिक्स अधिक असर नहीं करने वाली लेकिन हां, क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के लिहाज से जरुर शिवपुरी जिले को प्रदेश कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है क्योंकि लोक सभा चुनाव निकट है।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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