कोलारस से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने वीरेंद्र रघुवंशी इस समय काँग्रेस से टिकट कटने पर भारी निराशा की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। वीरेन्द्र ने पिछले दिनों टिकट की आस में भाजपा छोड़ काँग्रेस ज्वाईन की थी और उनका शिवपुरी से चुनाव लडऩा भी तय माना जा रहा था। यही कारण रहा कि उन्होंने आते ही अपनी चुनावी गतिविधियां शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में एकाएक बढ़ा दीं मगर अब नवरात्रों के पहले दिन जो लिस्ट आई उसमेंं वीरेन्द्र रघुवंशी को टिकट न देकर काँग्रेस ने पिछोर के अपराजित योद्धा और कद्दावर विधायक केपी सिंह कक्काजू को शिवपुरी विधानसभा से ला खड़ा किया है। काँग्रेस की 144 उम्मीदवारों की लिस्ट में रघुवंशी का नाम शिवपुरी से लेकर चंदेरी तक कहीं नजर नहीं आया, हालांकि चंदेरी से उनकी सम्भावना जगन्नाथ सिंह को भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने के बाद ही भाजपा से भी समाप्त हो गई थीं, अब शिवपुरी से भी पार्टी ने वीरेन्द्र को खाली हाथ ही रखा है। दोनों ही दलों में सिंधिया फैक्टर से परेशान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने खुद को शिवपुरी से टिकट नहीं मिलने पर इसे कुचक्र बताते हुए सोशल साईट पर एक प्रतिक्रियात्मक वीडियो जारी किया है। उनका यह वीडियो भावुक अंदाज वाला है जिसमें उनकी बॉडी लैंगवेज़ से वे भारी दुखी और हताशा से भरे नजर आ रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस वीडियो में शीर्ष नेतृत्व से इस ओर ध्यान देने की बात कही है।सोशल मीडिया पर जारी किए गए अपने वीडियो के दौरान वीरेंद्र रघुवंशी ने कहा है कि आप सबको मालूम है कि मेरा जीवन संघर्षों से गुजारा है लेकिन यह संघर्ष मैंने सदैव आप सबके विकास और सेवा के लिए किए हैं। वर्तमान में मुझे पुन: कुचक्रों के जाल में फं साया गया है। मुझे उम्मीद है कि शीर्ष नेतृत्व निश्चित रूप से ध्यान देगा और ईश्वर हमेशा इन कुचक्रों से आप और हमको निकलता रहा है। मैं सभी को संदेश देना चाहता हूं कि आप सभी धैर्य बनाए रखें निश्चित रूप से शीर्ष नेतृत्व विचार मंथन के बाद हमें सेवा का अवसर देगा। कुल मिलाकर उन्होंने सीधे शब्दों में तो ज्यादा कोई बात नहीं कही है लेकिन टिकट न मिलने की नाराजगी उनके इस बयान में साफ तौर पर देखने को मिल रही है। उधर बड़ी संख्या में रघुवंशी समाज के सैकड़ों लोगोंं ने भोपाल में काँग्रेस कार्यालय पर प्रदर्शन कर वीरेन्द्र के टिकट कटने पर रोष जताया है जहां उन्हें आश्वासन मिला है कि उनकी भावनाओं को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया जाएगा।
सिंधिया की सम्भावना से बदली काँग्रेस ने रणनीति
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी से चुनाव लड़ सकते हैं इस सम्भावना को भांप कर काँग्रेस ने उन्हें घेरने की नियत से शिवपुरी विधानसभा सीट से केपी सिंह को मैदान मेंं उतारा है, अन्यथा कोई कारण नहीं था कि जिस सीट से केपी सिंह लगातार 1993 से चुनाव जीतते आ रहे थे उन्हें वहां से इधर उधर कर चुनाव लड़ाया जाता। कारण साफ है कि कांग्रेस सरकार पटकने वाले सिंधिया को काँग्रेस अपने प्राईम टारगेट पर ले कर चल रही है। इधर कुछ काँग्रेस के जो दावेदार वीरेन्द्र रघुवंशी की उम्मीदवारी का मिल कर विरोध कर रहे थे वे भी अब केपी के आने के बाद से शांत हो गए हैं, अब सिंगल नाम भी दावेदारी जताने सामने नहीं आ रहा। कहा तो यह भी जा रहा है कि यदि सिंधिया शिवपुरी सीट से नहीं लड़ते तो फिर संभव है कि काँग्रेस भी अपनी रणनीति में बदलाव कर सकती है, क्योंंकि अभी मेण्डेट तक कुछ भी उलटफेर होना कोई बड़ी बात नहीेंं।
ऐसी अटकलें सामने आईं कि भाजपा इस विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतार सकती है। भाजपा की वरिष्ठ नेता और वर्तमान विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने अपने स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख करते हुए चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है।