- शिवपुरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस भाजपा के बीच सीधा मुकाबला
- वोट कटवा भी मैदान में, वोटर इस बार आरपार के मूड में
- बदलाव के नारों के बीच लाडली बहना भी चुनावी फैक्टर
विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जिले की पांचों सीटों पर क्या कुछ होने की सम्भावना है इसे देखें तो बड़ी रोचक तस्वीर निकल कर सामने आ रही है। हर विधानसभा सीट का अपना गणित है।
मुद्दों की भीड़ के बावजूद कहीं जाति पर वोट मांगे गए तो कहीं भय और आतंक का हउआ खड़ा कर मुद्दों को गौण करने का प्रयास किया गया। हद तो तब हो गई जब मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए शिवपुरी विधानसभा सीट पर सपना चौधरी के ठुमकों से जनता को भटकाने का निंदनीय प्रयास तक किया गया। चुनावों के दौरान गलत सिलेक्शन पांच साल के लिए विकास को भटकने पर विवश कर देता है मगर इसी विकास पर बहस से बचने के लिए प्रचार के दौरान काल्पनिक मुद्दे खड़े करने और भ्रम फैलाने के तमाम जतन भी चुनावी वेला में किये जाते हैं।
शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में पिछले 30 साल से विकास का ढोल पीटा गया मगर धरातल पर हालत यह है कि यहां न चलने को सड़क है न पीने को पानी न करने को रोजगार, सीवर का भी है सत्यानाश फिर भी दुर्भाग्य से इन मुद्दों को पीछे धकेल कर सत्ता पक्ष भाजपा ने यहां कथित तौर पर गुण्डा गर्दी बढ़ जाएगी, शांति छिन जाएगी जैसे काल्पनिक मुद्दों का हैाआ खड़ा किया गया, वहीं कांग्रेस भी इन मुद्दों पर कोई वातावरण निर्माण कर इन्हें भुनाने में पीछे रही। यहां जातिवाद को भी पहलीवार जबर्दस्त हवा दी गई। चुनाव में सत्ता पक्ष के प्रत्याशी देवेन्द्र जैन के सामने कांग्रेस के विधायक केपी सिंह कक्काजू ने पिछोर से एकाएक यहां आकर जिस प्रकार से हवा का रुख बदलने का प्रयास किया वह अपने आप में उनकी इच्छा शक्ति को दर्शाता है।
एक और बड़ी चीज यहां यह देखने में आई कि जो भाजपा नेता हाल ही में कांग्रेस में टिकट की खातिर गए उनमें से कई बेनकाब हो गए कुछ भाजपा के प्रचार में जुट गए तो कुछ साक्षात्कार देकर प्रदेश के बड़े नेताओं को गरियाने की उतावली दिखा बैठे, वहीं वीरेन्द्र रघुवंशी शिवपुरी छोड़कर छिंदवाड़ा तक कांग्रेस के प्रचार में निकल गए ताकि उन पर सेवोटेज का आरोप न लगे। केपी सिंह ने यहां किसी भी स्टार प्रचारक को चुनावी सभा के लिए बुलाने से परहेज किया। इसके विपरीत देवेन्द्र जैन ने सिंधिया,सीएम तक की सभाएं करा डालीं मगर वे यशोधरा राजे को प्रचार में यहां लाने में सफल नहीं हो सके ।
कांग्रेस में पूर्व विधायक गणेश गौतम जहां पूरे समय केपी के प्रचार में जुटे नजर आए वहीं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दूरी सी बनाए रखी। कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय चौहान शिवपुरी विधानसभा की बजाए शेष विधानसभा क्षेत्रोंं में अपनी ड्यूटी निभाते दिखाई दिए।30 साल से शिवपुरी विधानसभा सीट पर अब से पहले चुनाव में नूराकुश्ती होती रही थी पहली बार आमने सामने की टक्कर है। ऐसे चुनाव में कांटे की टक्कर है। मतदाता परिवर्तन के मूड में है, यहां ओपीएस का मुद्दा कर्मचारी वर्ग को भाजपा के विरोध में खड़ा कर रहा है। पेंशनर्स संघ भी नाराजगी की मुद्रा में है, किसानों को खाद संकट तो गरीबों को खाद्यान्न में भ्रष्टाचार ने परेशान कर रखा है। लेकिन भाजपा की लाडली बहना और अन्य कल्याण कारी योजनाओं का लाभार्थी वोट उसके पाले में भी खड़ा नजर आ रहा है।
यहां पर भाजपा ने आप प्रत्याशी गोयल को अपने पक्ष मेंं बिठा लिया वहीं निर्दलीय मनीराम को भी भाजपा ने मैनेज कर लिया। रही बसपा जो कहीं से कहीं तक फाइट में न होने के बावजूद यहां गत चुनाव में 13 हजार मत हासिल करने में सफल रही थी ऐसे में इस बार भी उसका तीसरे क्रम पर आना तय है। कांग्रेस प्रत्याशी का आरोप है कि बसपा की ओर सपना चौधरी के डांस का प्रोग्राम भाजपा द्वारा फंडिंग कर कराया गया था। केपी सिंह की भीड़ भरी सभा में ग्रामीण की खासी भीड़ थी जो भाजपा के सीएम की भीड़ से कई गुना अधिक थी। कांग्रेस इस बार मुकाबले को कांटे का बना चुकी है। आज मतदान होना है देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है।