शिवपुरी जिले में आदिवासी उत्थान की योजनाएं केवल कागजों में ही संचालित हैं। जमीनी हकीकत देखें तो आदिवासी कदम कदम पर ठोकर खाने को मजबूर हैं । उनके हक की जमीन पर दबंगों की दबंगई जारी है जहां जिस जाति समुदाय के लोग बाहुल्य में है वहांवे सहरिया आदिवासियों पर आदिम युगीन अत्याचार का चाबुक चला रहे हैं।
पुलिस ने नहीं की प्राथमिकी दर्ज , पीढ़ित शिवपुरी आए
हाथ में आवेदन लिए जिला कलेक्टर कार्यालय से पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काटने के बाद निराश आदिवासियों को हक अधिकार के लिए केवल अब सहरिया क्रांति ही एक मात्र सहारा नजर आता है जो उनके हक की आवाज और दबंगों के अत्याचार के विरोध मुखर होकर सरकार को आगाह करता रहता है।
शिवपुरी जिले के पिछोर थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत ककरोठा के दो बुजुर्ग आदिवासी, देवीलाल और सोना बाई ने सहरिया क्रांति के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को शिकायत की है कि गांव के दबंगों ने उनकी फसल उजाड़ दी और जमीन पर अवैध कब्जे का प्रयास कर रहे हैं ।
इस पर भी बड़ी बात यह है कि स्थानीय पिछोर थाना ने 8 दिन बाद भी मामले में ना तो प्रकरण दर्ज किया है और ना ही मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया है।
देवीलाल और सोना बाई ने बताया कि उन्हें 2002 में भूमि अधिकार के पट्टे दिए गए थे। उन्होंने अपनी मेहनत से उन ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों को समतल कर खेती योग्य जमीन बनाई। इस बार, देवीलाल ने 10 बिस्वा में मूंगफली और सोना बाई ने ढाई बीघा में तिल्ली की फसल बोई थी।
20 अगस्त, 2023 को, गांव के दबंग महेंद्र यादव और रमेश यादव ने अपनी भेंसों को देवीलाल के खेत में घुसा दिया और पूरी मूंगफली की फसल उजाड़ दी। सोनाबाई के खेत में, रमेश यादव ने अपनी भेंसों से तिल्ली की फसल को नष्ट कर दिया।
जब देवीलाल और सोना बाई ने दबंगों से फसल नहीं उजाड़ने की गुहार लगाई, तो उन्होंने धमकी दी कि यह जमीन पर अमल नहीं हुआ है और अभी भी सरकारी है और वे उन्हें यहां नहीं फसल करने देंगे। उन्होंने धमकी दी और कहा कि उन्हें गांव छोड़ना पड़ेगा।
देवीलाल और सोना बाई ने पुलिस थाना पिछोर में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। दबंग लगातार उन्हें धमकियां दे रहे हैं।
देवीलाल और सोना बाई ने पुलिस अधीक्षक से दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें उजाड़ी गई फसल का मुआवजा देने की मांग की है। सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन को उन्होने अपनी आपबीती बताई है।