अवैध खनन पर मौन से बेकाबू हालात, सड़कों पर गोलीबारी, माईनिंग माफिया हावी

नेताओं से लेकर प्रशासनिक अफसरों पर उछलते रहे हैं सायलेंट पार्टनरशिप के आरोप

-खड़ोय में गोलीबारी और करैरा हाइवे पर बंदूकचियों की गुण्डई से दहशत

शिवपुरी में अराजकता के हालात निर्मित हो रहे हैं। जहां एक तरफ अवैध पत्थर उत्खनन को लेकर खुलेआम गोलीबारी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ अवैध रेत के खनन और परिवहन को लेकर माफियाओं के बीच सड़कों पर बन्दूकें लहराई जा रही हैं। पिछोर के राजापुर सेक्टर में फारेस्ट में कटती अवैध पत्थर खदानों पर कार्यवाही के गरज से गए डीएफओ खाली हाथ वापस आ जाते हैं। पिछोर के ही मायापुर थाना क्षेत्र के गांव खड़ोय में जंगल में पत्थर की खदान को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद होता है और गोलीबारी हो जाती है जिसमें एक पक्ष घायल भी होता है, इसके ठीक दूसरे दिन करैरा के रेत माफियाओं के बीच सड़कों पर बंदूकें तन जाती हैं, यह सब दबा छुपा नहीं बल्कि इस तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं, और पुलिस कह रही है हमें सूचना तक नहीं। प्रतीत हो रहा है शिवपुरी में जंगल राज कायम हो गया है। प्रशासन जिम्मेदारों के चेहरों पर शिकन तक नजर नहीं आ रही। आखिर ये कैसे सुशासन की अवधारणा यहां साकार हो रही है। यहां धौलपुर, राजस्थान और यूपी तक के लोग सेंड सिंडीकेट में हो चुके हैं शामिल।

मायापुर खडोय पत्थर खदान में गोलीबारी-

खड़ोय की अवैध पत्थर खदान पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच गोलीबारी हुई, पथराव हुआ लोग घायल तक हुए, मगर इस घटना के बाद प्रशासन उस ढंग से हरकत में नहीं आया जिस अंदाज में आना चाहिए था। यहां हद तो यह है कि वन विभाग खुद मौन रुप से फारेस्ट सेक्टर में अवैध खनन करा रहा है। राजस्व, माइनिंग और पुलिस की बिना मिली भगत के इतने व्यापक पैमाने पर पत्थर की निकासी का सवाल ही नहीं पैदा होता।

करैरा का घटनाक्रम-

करैरा में रेत की ईटीपी की बजाय टोकन के जरिए निकासी कराई जा रही है। प्रशासन की नाक के नीचे यह सब कुछ चल रहा है लेकिन जिला प्रशासन पुलिस और राजस्व विभाग से लेकर माइनिंग विभाग तक के आला अधिकारी इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी ओढ़े बैठे हैं, जिसका नतीजा यह रहा कि मायापुर पत्थर खदान पर हुई गोलीबारी के ठीक दूसरे दिन करैरा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो पक्षों के बीच रेत की ट्रैक्टर ट्राली का टोकन काटने को लेकर विवाद इस कदर गहराया कि दोनों पक्षों के लोग हाईवे पर आमने-सामने बंदूक ताने नजर आए। दोनों पक्षों के बीच जमकर गाली गलौज हुई करैरा थाना पुलिस का मासूम सा तर्क यह कि दोनों पक्षों में से किसी ने भी कोई आवेदन नहीं दिया ऐसे में पुलिस क्या कुछ करे। इस मामले के वीडियो तक सरेआम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं लेकिन प्रशासन को तो जैसे लॉयन ऑर्डर से कोई लेना देना ही नहीं यहां करैरा में अवैध खनन को लेकर स्थिति यह है कि कल्याणपुर, चितारी, बीजौर, मछावली सीहोर सहित आसपास के क्षेत्र में सिंध नदी के भीतर पनडुब्बियों उतार दी गई हैं अवैध पुल बना दिए गए हैं और पनडुब्बियों के माध्यम से रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। बदरवास कोलारस सेक्टर में भी धुंआधार अवैध खनन हो रहा है।

लगते रहे हैं गठबंधन के आरोप-

शिवपुरी जिले में हाल ही रेत के अवैध कारोबार ने नया मोड़ लिया है, सुनहरी रेत के इस काले धंधे पर लगाम लगाने में प्रशासन विफल रहा है। यहां पूर्व में पुलिस कप्तान से लेकर प्रभारी मंत्री तक के बीच अवैध खनन को लेकर तकरार सार्वजनिक मंचों पर देखी गई। जो कहीं न कहीं इस गोरखधंधे में प्रशासन और राजनीति के दिग्गजों की व्यक्तिगत रुचि को दर्शाने वाला तथ्य है।

इस धंधे में नेता, अधिकारी और पुलिस के बीच गठजोड़ की खबरें आम हैं, माइनिंग विभाग के अधिकारी अवैध खनन पर मौन साध जाते हैं आज भी यदि पत्थर और रेत खदानों के अवैध खनन का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो सारी हकीकत खुद बाहर आ जाएगी, बिना पुलिस, माईनिंग और राजस्व की मिली भगत के क्या मजाल कि इतने बड़े पैमाने पर पत्थर या रेत की निकासी हो सके। यह गठबंधन यहां दम से फल फूल रहा है और यहां एनजीटी के प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी खुला उल्लंघन किया जा रहा है।

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Rahil Sharma
Rahil Sharma
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