सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ सहरिया क्रांति ने फूंका बिगुल

कलेक्टर ने कई मांगों का त्वरित किया निराकरण

सहरिया क्रांति संयोजक बोले आदिवासी परेशान रहे तो एक लाख सहरिया उतरेंगे आंदोलन को मैदान में
गांवों मे बिक रही अवैध शराब की दुकाने होंगी बंद

शिवपुरी जिले में सहरिया आदिवासी समुदाय को लंबे समय से अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनकी बस्तियों मे अवैध शराव की कई दुकाने खुल गई हैं , जिन पर आवकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है । इन समस्याओं का सबसे प्रमुख कारण है रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार। जनकल्याण योजनाओं जैसे जनमन आवास योजना, पट्टों के अमल आदि में बिना घूस दिए आदिवासी समुदाय का कोई काम नहीं हो पाता। सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है, जो उनके मौलिक अधिकारों का सीधा हनन है। कई गांवों में आँगनवाड़ी केंद्रों का संचालन धरातल पर पूरी तरह से विफल है। कागजों पर सब कुछ सुचारु रूप से दिखाया जाता है, लेकिन वास्तविकता में स्थिति बिल्कुल विपरीत है। कहीं राशन का वितरण नहीं हो रहा, तो कहीं गांवों में सहरिया महिलाओं को पोषाहार की राशि का भुगतान नहीं हो रहा। जनमन आवास योजना के अंतर्गत आने वाले घरों के निर्माण में भी कई अड़चनें हैं। गांवों के दबंगों ने सरकारी जमीनों पर पहले से कब्जा जमा रखा है, जिसके चलते आदिवासी समुदाय अपने घरों का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। इन समस्याओं से त्रस्त और निराश आदिवासी समुदाय ने “सहरिया क्रांति आंदोलन” के रूप में आवाज बुलंद की है। यह आंदोलन सहरिया आदिवासियों के अधिकारों के लिए एक प्रभावी मंच बनकर उभरा है। आज बैराड़ क्षेत्र से सैंकड़ों सहरिया क्रांति सदस्यों ने जिला प्रशासन तक अपनी समस्याओं को पहुंचाने के लिए संजय बेचैन के निवास से 5 किलोमीटर कलेक्टर कार्यालय तक का पैदल मार्च किया। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उन्होंने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और समाधान की मांग की। जिला कलेक्टर ने सहरिया क्रांति की मांगों को गंभीरता से सुना व कई समस्याओं का तत्काल निराकरण कराने का आश्वासन दिया। सहरिया क्रांति ने आज एक ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए ग्राम पंचायत खरई जालम (पोहरी) में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की ओर इशारा किया है। ज्ञापन में ग्राम पंचायत सचिव भोलू कुशवाह पर आदिवासी समाज के लोगों से रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया गया है, जिसके कारण आदिवासी परिवारों को न केवल आर्थिक हानि उठानी पड़ी है बल्कि उनके अधिकारों का भी उल्लंघन हुआ है।

सहरिया क्रांति ने कलेक्टर की ओर रखीं मांगे और उन पर प्रशासन का जवाब

सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने शिवपुरी व पोहरी जनपद से आए आदिवासियों को आ रहीं समस्याओं के निराकरण को मांग रखी जिनको जिला कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने न केवल गंभीरता से सुना बल्कि कई समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया। आदिवासी इलाकों में एकाएक खुली अवैध शराब की दुकानों पर पता लगाकर कार्रवाई की बात भी कही।

1. ग्राम पंचायत सचिव का तत्काल किया निलंबन – भोलू कुशवाह को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए ताकि इस भ्रष्टाचार के मामले में निष्पक्ष जांच की जा सके और दोषियों को उचित दंड दिया जा सके। इस कदम से प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इस पर एसडीएम ने तत्काल जनपद सीईओ को फोन लगाकर सचिव को निलंबित कर जांच के आदेश दिये।
2. रिश्वत की राशि की वापसी – उन आदिवासियों से सचिव ने जनमन आवास योजना के लाभ दिलाने के नाम पर लिए गए पैसे की पूरी राशि वापस दिलाई जाए। यह गरीब और वंचित समुदाय के हितों की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस पर कलेक्टर ने कहा ये गंभीर मामला है और जिन्होने भी पैसा लिया है उन्हे बख्शा नहीं जाएगा। आप इससे संबन्धित जानकारी दें जिससे कार्रवाई की जा सके।
3. आदिवासी पंचायतों में व्यापक जांच – पोहरी क्षेत्र की सभी आदिवासी बाहुल्य पंचायतों में विकास कार्यों और हितग्राही योजनाओं की विस्तृत जांच की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार के भ्रष्टाचार की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। इसके लिए जनपद सीईओ को निर्देशित किया गया।
4. मजदूरों की लंबित राशि का भुगतान – जनमन आवास योजना के अंतर्गत मजदूरों के खाते में अभी तक पैसे जमा नहीं किए गए हैं। इन मजदूरों के खातों में शीघ्र पैसे जमा कराए जाएँ ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। अधिकारियों ने कहा अगर यहाँ से किश्त रुकी होगी तो जांच कराते हैं।
5. छूटे हुए पात्र आदिवासी परिवारों को आवास प्रदान करना – प्रत्येक गाँव में कई आदिवासी परिवार पात्र होने के बावजूद आवास योजना से वंचित रह गए हैं। तत्काल इनका सर्वे कर इन्हें आवास योजना का लाभ प्रदान किया जाए। कलेक्टर ने कहा की आपको जल्द ही खुशखबरी सुनने को मिलेगी।
6. महिलाओं के खातों में पोषाहार की राशि जमा कराना – प्रत्येक गाँव में 20 से 35 महिलाओं के खातों में पोषाहार की राशि नहीं आ रही है, जिससे कुपोषण की समस्या बढ़ रही है। प्रशासन द्वारा प्रत्येक पंचायत में शिविर लगाकर इन महिलाओं को योजना का लाभ दिलाया जाए। जिला कलेक्टर ने कहा की ये राशि क्यों ओर किस डोक्यूमेंट की कमी से नहीं आ रही इसे तत्काल दिखवाते हैं।
7. राशन कार्डों की व्यवस्था – जिन आदिवासी परिवारों के राशन कार्ड अभी तक नहीं बने हैं, उनके राशन कार्ड तुरंत बनवाए जाएँ ताकि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ उठा सकें। इसके लिए जनपद स्तर से जानकारी जुटाएँगे।
8. ग्राम डेंड़री, पंचायत महेशपुर में भूमि विवाद – जनमन आवास योजना के अंतर्गत कुटीर निर्माण हेतु चिन्हित भूमि पर रमेश जाटव और रोशन जाटव द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। इससे कॉलोनी की योजना बाधित हो रही है। सरपंच और सचिव के प्रयासों के बावजूद नाप-जोख का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर ने एसडीएम को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये और शीघ्र कॉलोनी निर्माण कराने का आश्ववासन दिया।
9. ग्राम बारा में पट्टों पर अमल व जनमन आवास और वन भूमि पट्टे की समस्याएँ – ग्राम बारा में 55 आदिवासियों को पट्टे पर अमल नहीं हुआ है। कलेक्टर ने एसडीएम को निर्देश दिये और पूछा कि अमल क्यों नहीं हुआ है इसकी जानकारी लें व समस्या को तत्काल दूर करें।

सहरिया क्रांति ने इन समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की है ताकि आदिवासी समाज की जीवन स्थितियों में सुधार हो सके और उन्हें उनका हक मिल सके। यह ज्ञापन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, और सहरिया क्रांति को कलेक्टर ने आश्वस्त किया है कि आदिवासियों के हितार्थ कोई भी काम करने में प्रशासन पीछे नहीं रहेगा। सहरिया क्रांति आंदोलन का यह संघर्ष दर्शाता है कि आदिवासी समुदाय अब अपने अधिकारों के लिए सजग हो रहा है और भ्रष्टाचार, अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। प्रशासन से इस दिशा में जल्द कार्रवाई की उम्मीद है, ताकि आदिवासी समुदाय को उनके अधिकार और योजनाओं का सही लाभ मिल सके।

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Rahil Sharma
Rahil Sharma
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