शिवपुरी। बेहद गरीबी और कुपोषण से जूझ रही ग्वालियर चंबल संभाग की सहरिया जनजाति के प्रति मध्य प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता को लेकर सहरिया क्रांति की एक कार्यकर्ता बैठक आयोजित की गई जिसमें आज मंत्री परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय की कड़े शब्दों में भर्त्सना की गई है। सहरिया क्रांति कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और विशेष पिछड़ी सहरिया जनजाति के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा करें।
विदित हो कि मंत्री परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया परिवारों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये संचालित आहार अनुदान योजना की पात्र महिला हितग्राहियों को महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संचालित लाड़ली बहना योजना में समय-समय पर होने वाली राशि वृद्धि का लाभ लाडली बहना के समान रूप से देने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही हितग्राहियों द्वारा योजना का दोहरा लाभ लेने पर रोक के लिये आहार अनुदान योजना का लाभ लेने वाली हितग्राही महिला को लाड़ली बहना योजना का लाभ नहीं देने का भी निर्णय लिया गया। सहरिया क्रांति ने मंत्री परिषद के इस निर्णय का विरोध करते हुए बताया कि ग्वालियर चंबल संभाग की अति गरीब जनजाति है सहरिया जनजाति जिसको अन्य वर्ग से अलग हटकर योजनाओं का लाभ मिलेगा तभी वह विकास की मुख्यधारा में जुड़ सकेगी, लेकिन सरकार उनके प्रति दया भाव ना रखते हुए उन्हें सामान्य लाडली महिला हितग्राहियों के समकक्ष रखना चाहती है, जो सरासर गलत है। अत्यंत गरीबी के कारण सहरिया जनजाति को विशेष पैकेज की आवश्यकता है जिससे कि जंगलों में रहने वाली है जनजाति के लोग अपने बच्चों का विकास कर सकें। सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने कहा है कि यदि सरकार वास्तव में कुपोषण के विरुद्ध जंग लड़ना चाहती है और जनजाति का विकास करना चाहती है तो उसे कुपोषण मुक्ति हेतु प्रत्येक सहरिया परिवार को 5000 रुपए का स्पेशल पैकेज दिया जाए। क्रांति की बैठक में प्रमुख रूप से अजय आदिवासी, केशव आदिवासी, अवतार भाई आदिवासी, अतर सिंह आदिवासी, भदोरिया पक्का, राजेश आदिवासी, कल्याण आदिवासी, जगत सिंह आदिवासी, दिलीप आदिवासी, अशोक आदिवासी, राजेंद्र आदिवासी, काडू आदिवासी आदि उपस्थित थे।