प्रीतम ने प्रचार मे दी डकैतों की दुहाई

पिछोर। इस अंचल में राजनीति का अपराधीकरण कोई नई बात नहीं है। यहां पूर्व में डकैत रामबाबू गड़रिया गिरोह करैरा विधानसभा क्षेत्र मेंं बसपा प्रत्याशी लाखन सिंह बघेल का खुलकर समर्थन कर चुका है और चुनाव में बसपा को विजय दिला भी चुका है।

सभा में कहा रामबाबू की बहिन रामश्री के लिए मैने ग्वालियर कलेक्टोरेट घेरा था

पाल समाज के वोटों के लिए डकैत गैंग के नाम का सहारा

पिछोर। इस अंचल में राजनीति का अपराधीकरण कोई नई बात नहीं है। यहां पूर्व में डकैत रामबाबू गड़रिया गिरोह करैरा विधानसभा क्षेत्र मेंं बसपा प्रत्याशी लाखन सिंह बघेल का खुलकर समर्थन कर चुका है और चुनाव में बसपा को विजय दिला भी चुका है। हालांकि इस गैंग का सफाया हुए एक दशक से अधिक समय हो चुका है, लेकिन हैरत इस बात की है कि अब भी वोट पाने के लिए यहां भाजपा प्रत्याशी खुद को डकैतों का संरक्षक बताने से भी नहीं चूक रहे। एक वीडियो फेसबुक पर जमकर वायरल हो रहा है (जिसकी प्रमाणिकता की पुष्टि बेचैन नज़र नहीं करता) वीडियो में ग्वालियर चंबल संभाग में दो दशक तक आतंक का पर्याय रहे कुख्यात डकैत सरगना रामबाबू दयाराम गड़रिया को अपना प्रिय मित्र बता कर प्रीतम लोधी ने पाल बघेल समाज के लोगों से समर्थन मांगा है। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी ने डकैत रामबाबू, दयाराम गड़रिया की बहिन रामश्री गड़रिया के नाम का भी इस्तेमाल किया है। प्रीतम ने एक नुक्कड़ सभा में यहां तक कहा कि दयाराम, रामबाबू जी को आप सभी जानते हो, वो मेरे बहुत प्रिय मित्र थे, और उनकी एक बहन थी रामश्री गड़रिया। आप पता कर लेना ग्वालियर में जब रामश्री जी को पुलिस पकड़ कर ले गई थी, तब मैने 5000 आदमियों को लेकर मोती महल और ग्वालियर कलेक्टोरेट को घेरा था,और उन्हें आजाद कराया था। प्रीतम लोधी ने इस उदाहरण के साथ पाल बघेल समाज की सभा में कहा कि मै बहुत पहले से ही आपके समाज का पुराना सेवक रहा हूं। आप स्टॉम्प पर लिख लेना मैनेे बोला है मैं सबसे पहले पाल समाज का काम करुंगा, इस समाज का सम्मान कम नहीं होने दूंगा। पिछले 30 साल में पाल समाज का कोई व्यक्ति नेता नहीं बना, मै वादा करता हूं कि पाल समाज के जितने भी युवा है उनको काम के लिए बाहर नहीं जाने दूंगा यहीं काम दूंगा, युवाओं को पॉवर दिया जाएगा।

राजनैतिक रोटियां सेंकने और वोट बटोरने के लिए डकैतों को समाज के बीच महिमा मण्डित करने के इस हथकण्डे पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। प्रीतम पहले 2 बार काँग्रेस विधायक केपी सिंह कक्काजू से पिछोर विधानसभा सीट से हार चुके हैं।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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