पिछोर से लगातार 6 बार के विधायक केपी के सामने तीसरी बार फिर उतरेंगे प्रीतम

लोधी वोटर्स के बाहुल्य वाली सीट पर केपी सिंह का लगातार 6 वार विधायक  चुना जाना इस बात का परिचायक है कि यहां उनके नेट वर्क का भाजपा कोई तोड़ अब तक नहीं तलाश पाई है।

-प्रदेश के 39 टिकटों में भाजपा ने पिछोर तय किया प्रीतम का टिकट

-उमा भारती के भाई स्वामी प्रसाद भी लहर के बावजूद हुए थे पराजित

– निष्कासन के बाद भाजपा ने प्रीतम पर जताया भरोसा

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी ने अपने 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। ऐसे पहली बार हुआ है जब बीजेपी ने चुनाव की घोषणा से पहले उम्मीदवारों का ऐलान किया है। ये सभी वो सीटें हैं जहां वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। इनमें भी ज्यादातर वो सीटें हैं जहां बीजेपी लगातार दो या तीन बार से चुनाव हार रही है। बीजेपी की पहली सूची में 2018 में चुनाव हारे 14 चेहरों को फि र से मौका दिया है। इस सूची में शिवपुरी जिले के पिछोर विधानसभा सीट से भाजपा ने फिर से प्रीतम लोधी को प्रत्याशी घोषित किया है। यह सीट पिछले 25 साल से काँग्रेस के कब्जे वाली सीट रही है जहां से कौंग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह कक्काजू 1998 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे है।

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K.P. Singh

लोधी वोटर्स के बाहुल्य वाली सीट पर केपी सिंह का लगातार 6 वार विधायक  चुना जाना इस बात का परिचायक है कि यहां उनके नेट वर्क का भाजपा कोई तोड़ अब तक नहीं तलाश पाई है। यहां बता दें प्रीतम लोधी गत दो चुनाव केपी सिंह के मुकाबले हार चुके हैं जबकि उनसे पूर्व खुद पूर्व सीएम उमा भारती के बड़े भाई स्व स्वामी प्रसाद लोधी भी भाजपा की प्रचण्ड लहर के बावजूद चुनाव हार चुके हैं। बताते हैं कि तब स्वामी प्रसाद लोधी ने कहा था कि यदि मैं केपी सिंह को चुनाव नहीं हरा पाया तो समझो कोई भी उन्हें चुनाव नहीं हरा सकता। इस बीच भाजपा प्रत्याशी के तौर पर सामने आए भैया साहब लोधी भी केपी सिंह से चुनाव हार चुके हैं।

विवादों में रहे प्रीतम की कुछ समय पूर्व ही हुई घर वापसी

भाजपा ने तीसरी बार प्रीतम लोधी को पिछोर से टिकट दिया है तो इसके पीछे 2018 में केपी से उनकी हार का मार्जिन बेहद कम था। विवादों से प्रीतम का चोली दामन का साथ रहा है। कथा वाचकों पर टिप्पणी को लेकर विवादों में  आए प्रीतम लोधी को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। निष्कासन के बाद प्रीतम ने तब पार्टी के खिलाफ  खुलेआम मोर्चा खोल दिया था। इसके बावजूद सरकार और बीजेपी लोधी के मामले में रक्षात्मक ही रही। बाद में सीएम शिवराज सिंह से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक ने उनसे मुलाकात कर बातचीत की और उनकी घर वापसी तय हो सकी। अब पार्टी ने उन्हें इस सूची मेें स्थान देकर उनके और केपी के बीच जंग को तय कर दिया है।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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