- पहले मेडिकल कॉलेज की ओर था प्रतिमा का मुख अब थीम रोड की ओर बदली दिशा
- पाम पार्क में स्थापित की गई है राजमाता की भव्य प्रतिमा
पिछले दिनों नगर पालिका द्वारा बनाए गए और मंत्री यशोधरा राजे द्वारा उदघाटित किए गए पाम पार्क में मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने स्थापित की गई कैलाशवासी राजमाता श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा की स्थापना, जिस विधि विधान के साथ की गई वह अपने आप में एक यादगार समारोह के तौर पर स्थानीय निवासियों के जेहन में हमेशा रहेगा। स्थापना के बाद अब इस प्रतिमा का रुख एकाएक बदला नजर आ रहा है। यहां यह गौरतलब है कि जिस समय दक्षिण भारत के प्रकांड विद्वानों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूरे विधि विधान से कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की मौजूदगी में पूर्व सांसद राजमाता विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा का पूजन किया गया और अनावरण किया गया तब प्रतिमा का मुख मेडिकल कॉलेज की ओर था, जिसे वहां मौजूद तमाम लोगों ने देखा था, क्योंकि मेडिकल कॉलेज का नामकरण भी श्रीमंत विजया राजे सिंधिया के नाम पर हुआ है ऐसे में प्रतिमा का अनावरण के समय मुख मेडिकल कॉलेज की दिशा में होना किसी को भी सहज लगा।
अब प्रतिमा का रुख एकदम से चेज हो गया है। समारोह पूर्वक स्थापित की गई इस भव्य प्रतिमा की स्थापना के उपरांत दिशा कैसे बदल गई यह अपने आप में समझ से परे है क्योंकि वर्तमान में अम्मा महाराज की यह प्रतिमा अब मेडिकल कॉलेज की ओर मुख करके नहीं बल्कि थीम रोड की ओर यानी मेडिकल कॉलेज के ठीक विपरीत दिशा में मुख करके खड़ी दिखाई दे रही है। ऐसा किसी वास्तु के जानकार की सलाह के उपरांत किया गया अथवा फिर नगर पालिका द्वारा यह डायरेक्शन चेंज किया गया, इसे लेकर जब मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री सगर से जानकारी चाहिए तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि यह सब उनकी जानकारी में नहीं है। कोई भी इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं।
माना जाता है कि किसी भी प्रतिमा की स्थापना के उपरांत दिशा परिवर्तन सामान्यत: नहीं होता, इसीलिए इस पार्क में स्थापित प्रतिमा की दिशा परिवर्तन को लेकर लोगों में जिज्ञासा का भाव उपज रहा है। इस बारे में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के समर्थक और नगर मंडल के एक पदाधिकारी ने बताया कि पहले प्रतिमा का मुख मेडिकल कॉलेज की ओर था लेकिन स्थापना समारोह के बाद यह डायरेक्शन खुद कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के निर्देश पर बदल गया है। इसके पीछे के क्या कुछ कारण रहे इस बारे में नगर मंडल पदाधिकारी ने कोई जानकारी होने से हाथ खड़े कर लिए। माना जा रहा है कि संभवत: किसी वस्तु विद की सलाह के बाद ही ऐसा किया गया है। अब यह मूर्ति फोरलेन की ओर रुख करके खड़ी नजर आ रही है।