– नियमितीकरण के पुराने दावे नई सरकार की पॉलिसी से गायब
कई अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री और नामांतरण को रोक लगी होने के बावजूद वहां धड्ल्ले से जमीनों की खरीद फरोख्त की जा रही है। शासन स्तर पर शिवपुरी सहित मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि अपने क्षेत्राधिकार में सभी कॉलोनीयों का अधिग्रहण करें और इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा उनका डेवलपमेंट किया जाएगा। विक्रय से बचे प्लॉट शासन की संपत्ति होंगे कॉलोनाइजर को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा।
कलेक्टर अधिग्रहण करेंगे, कॉलोनाइजर जेल जाएगा-
जिले स्तर पर कॉलोनाइजर को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। जरूरी अनुमति प्रस्तुत नहीं करने पर शहर में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में जिला प्रशासन जमीन को कब्जे में लेगी। फिर प्रशासक नियुक्त कर वहां के खाली प्लॉट बेचेगा। इससे आए पैसे से उस कॉलोनी में विकास कार्य किया जाएगा। इसमें संबंधित कॉलोनाइजर पर पुलिस केस भी कराया जाएगा। सर्वे में नई बनने वाली और पुरानी कॉलोनी को जोड़ा गया है। इसमें वह कॉलोनी भी शामिल हैं जिन पर पहले एफआईआर हो चुकी है। कॉलोनी की जमीन बेचने से मिले पैसों से वहां बिजली पानी सड़क नाली और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
अवैध कॉलोनियों के खिलाफ पहली बार ऐसी कार्रवाई-
अवैध कॉलोनी के खिलाफ अब तक एक साथ कभी बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन शिकायत मिलने पर कॉलोनाइजर को नोटिस देता था। उसके बाद वहां पर सिर्फ सड़क और बाउंड्रीवॉल तोड़ दी जाती थी। अब प्रशासन जमीन पर कब्जा लेकर उसे विकसित करेगा।
अवैध कॉलोनियों का अधिग्रहण किया जाएगा
साल 2016 के बाद पूरे प्रदेश में बनीं 2500 से अधिक अवैध कालोनियों को वैध नहीं किया जाएगा। पूर्व में 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की चर्चा थी लेकिन उसका कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ और नई सरकार ने अवैध कॉलोनियों को बनने से रोक कर शहरों का विकास उनकी प्लानिंग के अनुसार करने का निर्णय लिया है।
इनका कहना है-
अवैध को वैध करने का अब कोई विकल्प नहींअवैध कॉलोनियों का निर्माण रोकने और नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों में कार्रवाई शुरू हो रही है। किसी भी स्थिति में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का कोई भी विकल्प अब नहीं है।
भरत यादव
आयुक्त नगरीय विकास विभाग
कार्रवाई की प्रक्रिया
सर्वे- जिले स्तर पर अधिकारी नई बन रही अवैध कॉलोनियों का सर्वे करेंगे।-नोटिस- कॉलोनाइजर को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा।
अनुमति- यदि आवश्यक अनुमतियां प्रस्तुत नहीं की जाती हैं तो कार्रवाई होगी।-अधिग्रहण- नगर निगम शहर या जिला प्रशासन ग्रामीण जमीन का अधिग्रहण करेगा।
विकास- प्रशासक नियुक्त कर खाली प्लॉट बेचे जाएंगे और पैसा उस कॉलोनी के विकास में लगाया जाएगा।-एफआईआर- संबंधित कॉलोनाइजर पर एफआईआर भी कराई जाएगी।