बेअसर बंद: खुला रहा बाजार, विरोध में निकाली रैली, मुस्तैद रही पुलिस
सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर जारी किए गए फैसले के विरोध में पूरे देश में अलग अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं लेकिन शिवपुरी में स्थिति सामान्य रही और बंद का कोई खास प्रभाव नहीं देखा गया। प्रशासन की सूझबूझ और प्रभावी पुलिस व्यवस्था ने शहर में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस व्यवस्था की बात करें तो शिवपुरी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पुलिस ने हर क्षेत्र में गश्त की और सुनिश्चित किया कि कहीं भी उत्पात की स्थिति न बने। शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया था और सुरक्षा इंतजामों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क रहा।
दलित संगठनों ने विरोध में रैली निकाली मगर बाजार पर इस प्रदर्शन का असर चंद मिनटों को वहां वहां नजर आया जहां जहां से रैली गुजरी। रैली के दौरान शटर डाऊन हुए और उसके बाद चंद मिनिट में ही दुकानदारों ने शटर खोल लिए। रैली के दौरान प्रशासन मुस्तैद रहा। शहर की सड़कें सामान्य गतिविधियों से भरी हुई थीं और आम जनजीवन पूर्ववत चलता रहा।
बंद के दौरान शिवपुरी में आरक्षण कटेगरी के नेताओं के बीच भी दो मत देखने को मिले। कुछ नेताओं ने इस फैसले के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की वहीं कुछ ने शांति बनाए रखने और संयमित प्रतिक्रिया देने की अपील की। जिला कलेक्टर कार्यालय पर आज बसपा और भीम आर्मी के नेताओं ने अलग अलग ज्ञापन सौंपे। इन ज्ञापनों के माध्यम से नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए उसे समाज के लिए प्रतिकूल बताया। बसपा नेताओं ने ज्ञापन में कहा कि यह फैसला समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ है और इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भीम आर्मी ने फैसले को दलित और आदिवासी समुदाय के अधिकारों पर हमला करार दिया और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
बाल्मीकी समाज ने बनाई दूरी-
शिवपुरी में आज भारत बंद के समर्थन से बाल्मीकी समाज कटा दिखाई दिया। बाल्मीकी समाज अधिकारी कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर कोड़े ने कलेक्टर सभागार में आयोजित शांति समिति की बैठक में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि वह भारत बंद के आह्वान का बहिष्कार करते हैं। आज इसी क्रम में रैली में कोई भी बाल्मीकी या फिर सफाई पेशे से जुड़ा हुआ व्यक्ति शामिल नहीं हुआ।