-पिछले दिनों स्कूल बसों में बिना परमिट संचालन से लेकर तमाम खामियां मिली थीं
पिछले दिनों शिवपुरी शहर में मजिस्ट्रियल चैकिंग के दौरान कई स्कूली बसों को जांच के दायरे में लिया गया था और इस दौरान विभिन्न स्कूलों की 65 बसों को चैक किया गया। इस दौरान 65 स्कूल बसों में से 51 बसों में कई खामियां पाई गई थीं। तब लगा था कि स्कूल बसों के संचालन में सुधार आएगा और अनियमितताऐं दूर होंगी। यातायात पुलिस और आरटीओ की सजगता की बात करें तो इनका अभियान भी गुना बस हादसे के चार दिन तो जोर शोर से चला बाद में फिर से यहां स्कूल बसों के नाम पर खटारा बसों का नियम विरुद्ध संचालन शुरु हो चुका है।
गौरतलब है कि पिछले माह मोबाईल कोर्ट ने सरस्वती विद्यापीठ स्कूल की बस के परिचालक को बिना वर्दी और बिना नेम प्लेट के पाया, वेदांता स्कूल की बस बिना लाइसेंस, बिना बीमा, बिना रजिस्ट्रेशन, बिना परमिट, बिना बेज के चल रही थी। इस बस में ना तो फिटनेस का कोई प्रमाण मिला और ना ही अग्निशमन की कोई व्यवस्था कैमरे भी अनुपलब्ध मिले। शिवपुरी ग्लोबल स्कूल की बस एमपी 33 पी 0662 का परिचालक भी बिना वर्दी बिना नेम प्लेट बिना फिटनेस बिना कैमरा के पाया गया। निरीक्षण के दौरान होली बड्स स्कूल, एसपीएस स्कूल, सेंट चार्ल्स स्कूल, हैप्पी डेज स्कूल, सरस्वती विद्यापीठ स्कूल जीके हेरिटेज सेंट चार्ल्स ऋषिकुल ग्लोबल स्कूल किड्स गार्डन स्कूल जैक एंड जिल स्कूल एसएसडी एक्सीलेंस स्कूल सेंट पीटर्स स्कूल गीता पब्लिक स्कूल रामगढ़ रेलवे स्कूल डीपीएस स्कूल गुरु नानक स्कूल सरस्वती विद्यापीठ स्कूल पूर्वीहाइट स्कूल नारायण टेक्नो स्कूल सेंट बेनेडिक्ट स्कूल पूर्वी हाइट एलएन ग्लोबल स्कूल किड्स गार्डन सहित कल 51 स्कूलों की बसें नियमों के विपरीत संचालित पाई गई। इस धरपकड़ के बाद सुधार की जो उम्मीद थी वह अब नाउम्मीदी में बदल गई है। दरअसल यहां तमाम स्कूल बसों को कोर्ट की सुरक्षा गाईड लाइन के विरुद्ध जाकर संचालित किया जा रहा है। न को स्पीड गबर्नर का ध्यान रखा जाता न बसों में कैमरे, न दक्ष स्टाफ और न बसों की फिटनेस पर कोई गौर किया जा रहा। बसों के अलावा आटो और अन्य चौपहिया वाहनों का भी स्कूली बच्चों को लाने ले जाने में उपयोग किया जा रहा है जो बिल्कुल खतरनाक अंदाज में चल रहे हैं।