भारतीय जनता पार्टी को शिवपुरी जिले में अब तक का सबसे बड़ा झटका आज शुक्रवार को उस समय लगा जब जिले की कोलारस विधानसभा सीट से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने अपने निज निवास पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह अब तक की सबसे बड़ी क्षति कहीं जा रही है। विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने इस दौरान डेढ़ पेज का त्यागपत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम संबोधित करते हुए उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर पर गंभीर आरोप लगाते हुए विभिन्न जनहितैषी मुद्दों पर असुनवाई करने,भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे मंत्रियों को संरक्षण देने ,शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पर रिश्वत मांगने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जनता के साथ किसान कर्ज माफी के मामले में वादा खिलाफी करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
उल्लेखनीय है कि अब से पूर्व भारतीय जनता पार्टी के तमाम सिंधिया समर्थकों बैजनाथ सिंह यादव राकेश गुप्ता राकेश जैन अमोल रघुराज सिंह धाकड़ सहित भाजपा काडर के नेता और पूर्व जिला पंचायत जितेंद्र जैन गोटू भी भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर काँग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं।
जिन सिंधिया के कारण छोड़ी कांग्रेस उन्हीं के कारण छोड़नी पड़ी भाजपा
यह निर्विवादित तथ्य है कि कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ राजनीति की शुरुआत करने वाले काँग्रेस के पूर्व विधायक रह चुके विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मतभेदों के चलते पिछले समय कांग्रेस से त्यागपत्र देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी। जहां भाजपा ने उन्हें कोलारस विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और वह चुनाव जीते भी लेकिन इसी बीच 2013 में जब वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से श्रीमती यशोधर राजेश सिंधिया के विरुद्ध चुनाव लड़े तो उन्हें 111 45 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा। तब उन्होंने रुद्र देते सिंधिया पर कांग्रेस में रहते हुए भी काँग्रेस प्रत्याशी के तौर पर खुद का विरोध करने और यशोधर राजे सिंधिया को अप्रत्यक्ष रूप से सपोर्ट करने के आरोप लगाए थे मतभेद ऐसे बड़े की वीरेंद्र रघुवंशी ने सिंधिया से अनबन के चलते काँग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया और वह कोलारस से विधायक भी बने लेकिन पिछले समय सिंधिया लोकसभा चुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए तो वीरेंद्र रघुवंशी के लिए भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगमन के बाद असहज परिस्थिति बनती चली गई। यही कारण रहा की शुक्रवार को वीरेंद्र रघुवंशी ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।
माना जा रहा है कि शिवपुरी से कांग्रेस की टिकट पर 2007 में उपचुनाव जीतकर वीरेंद्र रघुवंशी विधायक बने थे शिवपुरी उनकी पुरानी कार्यस्थली रही है ऐसे में वे शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि अभी इस संबंध में कांग्रेस अथवा खुद वीरेंद्र रघुवंशी की ओर से किसी तरह का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक गलियारों में वर्तमान स्थिति में शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के समक्ष सबसे सशक्त विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर वीरेंद्र रघुवंशी को जनमानस में एक चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है।