– कमिश्रर तक पहुंचा प्रकरण, जांच के बाद कार्रवाई तय
शिवपुरी का राजस्व विभाग अजीब है। यहां मुर्दे अपना नामांतरण करा रहे हैं वहीं जिन्दा नामांतरण के लिए तरस रहे हैं। इन दिनों जिले में नामांतरण का मुद्दा गर्माया हुआ है। यहां नामांतरण का ऐसा मामला सामने आया है जिसमें क्रेता और विक्रेता की वर्षों पूर्व मौत हो चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पोहरी तहसीलदार ने पोहरी के पटवारी हल्का कृष्णगंज के सर्वे क्रमांक 244/ 2 / 243/2 रकवा 0.10, 0.261 हेक्टेयर पर प्रकरण क्रमांक 495 अ .6-2023.24 आदेश दिनांक 16/06/2023 में क्रेता राजेश कुमार धाकड़ निवासी ग्वालीपुरा के नाम नामान्तरण का आदेश जारी कर दिया, जिसकी 15 साल पहले मौत हो चुकी है।जानकारी के अनुसार पोहरी निवासी मांगीलाल जैन पुत्र स्व चिन्टूलाल जैन निवासी कृष्णगंज पोहरी ने 18 अप्रेल 1991 को राजेश कुमार अशोक कुमार मनोजकुमार पुत्रगण श्यामलाल निवासी ग्वालीपुरा को पटवारी हल्का कृष्णगंज के सर्वे क्रमांक 244/2 रकवा 0.10 हेक्टेयर 243/2 रकवा 0.261 हेक्टेयर की रजिस्ट्री कराई थी। बता दें कि जमीन के बंटवारे के चलते मामला न्यायालय में चला गया और वर्ष 2005 में न्यायालय ने बंटवारा होने तक के लिए रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया। लंबे समय से मामला न्यायालय में चल रहा है, इसके बाबजूद 16 जून 2023 को पोहरी तहसीलदार ने उक्त रजिस्ट्री का नामांतरण क्रेताओं के नाम से कर दिया।
मृतक क्रेता और मृतक विक्रेता ने दिया शपथपत्र
पोहरी तहसील में क्रेता राजेश धाकड़ द्वारा आवेदन करना बताया गया है जबकि राजेश धाकड़ की मृत्यु को ही करीब 15 साल हो गए हैं, इसके अलावा विक्रेता मांगीलाल जैन व मुलिया देवी जैन द्वारा क्रेता के पक्ष में नामांतरण पर अनापत्ति संबंधी शपथपत्र देना दर्शाया गया है, जबकि दोनों की मृत्यु करीब 25 साल पहले हो गई है।
राज्यमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक की शिकायत
फर्जी नामान्तरण के मामले में महेंद्र जैन व अरुण जैन ने मामले की शिकायत कलेक्टर सहित मुख्यमंत्री शिवराज आयुक्त ग्वालियर संभाग को दर्ज कराई है।
इनका कहना है-
पोहरी में तहसीलदार द्वारा यदि कोई गलत नामांतरण किया गया है तो इसकी हम जांच कराएँगे
संभागायुक्त, राजस्व ग्वालियर