मुख्य बाजारों और चौराहों पर हाल बेहाल, सड़कों के दोनों ओर दुकानदारों के कब्जे

बाजार की मुख्य सड़कों के हाल बेहाल
  • सड़कों पर टेंट लगा कर आगे तक चलाई जा रही है दुकानें
  • शहर के बीच चौड़ी सड़क के फुटपाथ गिरबी उठे

आम रास्तों फुटपाथों पर चल रही दुकानदारी ने इस बाजारों मेंं बुरी हालत कर डाली है। हर तरफ अराजकता पसरी है। शहर के बाजारों में सिकुड़ती सड़कों ने लोगों का चलना दूभर कर दिया है। यहां कई स्थानों पर खुद नगर पालिका ने दुकाने सजाने की अनुमति देकर व्यवस्था को पलीता लगा डाला है।बाजार में कोर्ट रोड़, गांधी चौक, से लेकर झांसी तिराहा, कमलागंज रोड़ के किनारे के फुटपाथ को घेर दोनों तरफ से घेर लिया है और वहां कारोबार किया जा रहा है। थीम रोड पर भी यही स्थिति है। जिससे और उसका भी दायरा सिमट सा गया है। यातायात व्यवस्था भी बाधित हो रही है और वहां जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। गुना वायपास से लेकर वीर सावरकर पार्क तक लगभग डेढ़ किमी लंबा मार्ग खराब हैं। जहां सड़क के दोनों ओर दुकानदारों ने अस्थाई अतिक्रमण कर लिया है। सावरकर पार्क के पास स्थित सेसई वाला मिष्ठान भण्डार का संचालन दुकान में कम बल्कि सड़क किनारे लगे पाण्डाल में खुले में अधिक चल रहा है यह विसंगति पालिका को नजर नहीं आती। इसी प्रकार से आईसीआईसीआई बैंक के बगल में लोहे के सरियों का धंधा पूरा सड़क किनारे ही चल रहा है जिससे यहां परमानेंट फुटपाथ घिरा रहता है।

यहां बता दें कि पिछले साल ऐसे तमाम दुकानदारों को नगर पालिका ने नोटिस जारी किए थे। नोटिस में कहा गया था कि अगर उन्होंने तय समय में अपना अतिक्रमण हटाकर थीम रोड़ को मुक्त नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई कर उनका सामान जब्त किया जाएगा, साथ ही जुर्माना वसूला जाएगा और अतिक्रमण हटाने में होने वाले खर्चा भी वसूला जाएगा। इस नोटिस का कोई असर यहां नजर नहीं आया है दुकानों से ज्यादा कारोबार तो सड़क के आसपास पसरा है। मुख्य बाजारों में सहालग के इस मौसम में शाम के समय तो निकलना मुश्किल हो रहा है।गत समय प्रशासन द्वारा अतिक्रामकों को अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद भी अतिक्रामकों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने अपने अतिक्रमण नहीं हटाए। झांसी तिराहे पर स्थित शिवपुरी हार्डवेयर, बैंक ऑफ इंडिया, श्रीजी हार्डवेयर सहित कई दुकानदारों और बैंकों को वहां से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था। साल भर बाद भी दुकानदारों ने थीम रोड़ को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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