जमीनों की धोखाधड़ी का दौर शिवपुरी में थमने का नाम नहीं ले रहा। यहां सरकारी भूमि तक बेची जा रही है और प्रशासन इस पर मौन है। यहां धुंआधार अवैध कालोनियां काटने वाले राज रियल स्टेट के संचालक राजीव गुप्ता पर एक के बाद एक धोखाधड़ी के केस दर्ज हो रहे हैं। इस माह में राजीव गुप्ता पर हाल ही चौथा मामला दर्ज हुआ है जिसमें राजीव गुप्ता ने पीड़ित आदर्श यादव के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि आदर्श यादव पुत्र महेश यादव को राजीव गुप्ता ने 13 लाख रूपए में एक प्लॉट विक्रय किया था जबकि इस प्लॉट की पहले से ही एक अन्य युवक को भी रजिस्ट्री करा रखी थी।
जानकारी के अनुसार खेड़ापति कॉलोनी निवासी आदर्श पुत्र महेश यादव ने बताया कि बीती 20 मई 2023 को राज रियल स्टेट डवलपर्स के प्रोपराईटर राजीव पुत्र रमेशचंद गुप्ता निवासी हनुमान कॉलोनी शिवपुरी की कृषि भूमि स्थित ग्राम नौहरीकलां पटवारी हल्का नं 38 राजस्व निरीक्षक मण्डल शिवपुरी तहसील व जिला शिवपुरी में स्थित भूमि सर्वे नं 640, रकवा 0.2900 हेक्टेयर 9.00 विस्वा भूमि संपूर्ण का विक्रय अनुबंध पत्र 13 लाख रूपये में किया था।
उक्त भूमि के विक्रय अनुबंध के समय 08 लाख रूपये दिनांक 20 मई 2023 को प्रदाय किए थे और स्टाम्प पर अनुबंध भी कर लिया गया था और अनुबंध अनुसार 30 सितम्बर 2023 से पहले तथा 30 सितम्बर 2023 के बाद भी आज दिनांक तक उक्त अनुबंधनकर्ता के द्वारा संंबंधित प्लाट की रजिस्ट्री नहीं कराई और आए दिन टालमटोल करता रहा। बाद में फरियादी आदर्श यादव के द्वारा संबंधित प्लॉट के बारे में रजिस्ट्रार विभाग से जानकारी ली गई तो पता चला कि उक्त प्लॉट को राजीव गुप्ता के द्वारा योगेन्द्र रावत पुत्र रघुवीर रावत निवासी हनुमान कॉलोनी को पूर्व में ही 21अक्टूबर 2022 को विक्रय पत्र संपादित करा दिया गया। ऐसे में अपने साथ हुई 13 लाख रूपये इस धोखाधड़ी को लेकर फरियादी आदर्श यादव ने पुलिस थाना देहात में शिकायती आवेदन दिया और शिकायत के आधार पर जमीन धोखाधड़ी के मामले में आरोपी राजीव गुप्ता के विरूद्ध धारा 420, 406 आईपीसी के तहत मामला पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में ले लिया है।
नोहरीकलां में बड़ा भूमि स्कैम जांच की जद में
नोहरी कलां में बड़ा भूमि घोटाला प्रकाश में आया है जिसमें सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द कर दिया गया है। इसी सर्वे नम्बर 640 में रकवा आश्चर्यजनक ढंग से बढ़ा घटा है जो कि यहां के राजस्व अधिकारियों की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा करने वाला और चौकाने वाला मामला है।