शिवपुरी। करवा चौथ का पर्व नजदीक आते ही शहर के बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। खासकर महिलाओं के बीच इस पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। परंपरागत रूप से मनाए जाने वाले इस पर्व के लिए बाजारों में विशेष तैयारियां की गई हैं, जहां महिलाएँ जमकर खरीदारी कर रही हैं। हर साल की तरह इस साल भी करवा चौथ के मौके पर विशेष साज-सज्जा के सामान, मेहंदी, चूड़ियां, कपड़े और श्रृंगार के अन्य उत्पादों की दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है।
करवा चौथ के दिन महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन का खास महत्व महिलाओं के बीच बहुत अधिक होता है, और इसलिए वे पूरी तैयारी के साथ अपने आप को इस पवित्र त्योहार के लिए सजाने-संवारने में जुटी रहती हैं। बाजारों में तरह-तरह की साड़ियां, लहंगे, ज्वेलरी, मेहंदी और करवा (पानी से भरने वाला मिट्टी का बर्तन) उपलब्ध हैं, जिन्हें लेकर खरीदारों की भीड़ लगी हुई है।शहर के मुख्य बाजारों जैसे सदर बाजार, प्रगति बाजार,टेकरी और गांधी चौक पर विशेष स्टॉल लगाए गए हैं, जहाँ महिलाएं पारंपरिक वस्त्रों और श्रृंगार का सामान खरीद रही हैं। कई दुकानों पर करवा चौथ के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई चुनरी और साड़ी का भी अच्छा कलेक्शन उपलब्ध है। बाजार में आई स्थानीय निवासी सुमन बाई ने बताया, “करवा चौथ हमारे लिए एक विशेष पर्व है। इस दिन हम पूरे श्रद्धा से व्रत रखते हैं और इसलिए हर साल त्योहार से पहले नई साड़ी, चूड़ियां और श्रृंगार का सामान खरीदना हमारी परंपरा का हिस्सा है।”
शहर में इस बार त्योहारी मौसम में कपड़ों और ज्वेलरी की बिक्री में वृद्धि देखी जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि इस साल करवा चौथ पर ज्यादा महिलाएं खरीदारी के लिए आई हैं, जिससे उनकी बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है। एक दुकानदार अशोक गुप्ता ने बताया, “हर साल करवा चौथ के समय महिलाओं की भीड़ रहती है, लेकिन इस बार बिक्री काफी बढ़ गई है। महिलाएं बड़ी संख्या में सोने-चांदी के गहनों के साथ ही डिजाइनर साड़ियां और अन्य श्रृंगार का सामान खरीद रही हैं।”करवा चौथ के मौके पर मेहंदी की भी विशेष मांग रहती है। शहर में मेहंदी लगाने वाले कलाकारों के पास भारी संख्या में महिलाएं अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं। मेहंदी लगाने वाली शिल्पा ने कहा, “करवा चौथ पर महिलाएं विशेष मेहंदी डिजाइन पसंद करती हैं। हम पिछले एक हफ्ते से दिन-रात काम कर रहे हैं।”
हालांकि बाजारों में बढ़ती भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या भी देखी जा रही है। मुख्य बाजारों में सुबह से लेकर देर रात तक गाड़ियों और ऑटो की लंबी कतारें लगी रहती हैं, जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है। प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए विशेष इंतजाम अभी तक नहीं किए गए हैं। न ही स्थानीय प्रशासन ने बाजारों में पुलिस बल की तैनाती की है ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।करवा चौथ का यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। बाजारों की रौनक और महिलाओं के चेहरे पर दिखती खुशी इस पर्व की विशेषता को दर्शाती है।