विवाहों के इस सीजन में शहर में भीड़ का जबरदस्त घमासान देखते ही बन रहा है। हालात यह है कि शहर के मुख्य बाजारों में राह चलना मुश्किल हो गया है। भीड़ बढ़ रही है और सड़केंं अस्थाई अतिक्रमणों से और सिकुड़ रही हैं। पहले सड़कों पर सामान की एक कतार सजा करती थी आज स्थिति यह है कि एक के आगे एक दो दो पंक्तियों में सड़कों पर बाजार उतर आया है। सब्जी मंडी क्षेत्र से लेकर गांधी चौक तक सड़क के दोनों ओर हाथ ठेला की रेलमपेल, सड़कों पर खड़े दुपहिया चौपहिया वाहनों की भीड़ और इसके बाद इन दुकानों पर उमड़ी जनता की भीड़ यानी चलने के लिए चंद फीट रास्ता भी लोगों को नहीं मिल पा रहा, नतीजतन जगह.जगह जाम के हालात निर्मित हो रहे हैं।
थीम रोड के हाल तो और भी बुरे हैं। यहां जितना भी क्षेत्र नवनिर्मित थीम रोड के बनने से निकला था उस पर अस्थाई दुकानों ने कब्जा कर लिया है।माधव चौक पर दुकानों के सामने अतिक्रमण कर एक दुकानदार दूसरे की दुकानदारी ठप करने पर तुले हैं। यहां पार्काेे के पीछे दुकानों की हालत यह है कि कब्जों ने दूसरे दुकानदारों का रास्ता ही रोक डाला है। रही सही कसर सड़क पर वाहनों की अनियंत्रित और मनमानी पार्किंग ने पूरी कर डाली है।
न्यू ब्लॉक झांसी तिराहा क्षेत्र में सड़क पर पार्किंग की धकमपेल
न्यू ब्लॉक झांसी तिराहा कमलागंज में भी थीम रोड की घेराबंदी का नजारा देखा जा सकता है। ना पालिका इस ओर कोई ध्यान दे रही और ना ही यातायात पुलिस मुस्तैदी दिखाती नजर आ रही। पूरे शहर को लावारिस हाल छोड़ दिया गया है।
कन्या कोर्ट रोड स्कूल के आसपास भी सड़कों और फुटपाथों पर बाजार सजा है, अस्थाई दुकान लगाने की परमिशन नगर पालिका से ही दी गई है।
ऑटो वाहनों से माधव चौक पर यातायात घमासान
बाजार में माधव चौक चौराहे को अघोषित टैक्सी स्टैंड में तब्दील कर दिया गया है, जहां पुलिस सहायता केंद्र से लेकर शिवपुरी टॉकीज के सामने तक ऑटो बेतरतीब खड़े दिखाई देते हैं। पुलिस सहायता केंद्र के समीप भी यही स्थिति विद्यमान है।
आवारा जानवरों का हांका तक नहीं
आवारा पशु बीच सड़कों पर जुगाली करते देखे जा सकते हैं, जिन की धरपकड़ का भी कोई इंतजाम कहीं से कहीं तक दिखाई नहीं दे रहा। यही स्थिति यहां के थीम रोड पर बने डिवाइडरों के इर्द.गिर्द देखी जा सकती है। सड़कों पर सांडों की लड़ाई आए दिन अफ रा तफ री का वायस बनती है। शिवपुरी शहर में चौतरफ ा हाथ ठेला नजर आते हैं ना तो कोई हॉकर्स जोन दिखाई देता और ना ही कहीं पार्किंग स्थल जहां वैधानिक रूप से लोग अपनी गाड़ि़यां पार्क कर खरीदारी कर सकें। आने वाले दो दिन और बाजारों मेें दिखाई दे रहे इस भीड़ के घमासान पर यदि ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और जटिल हो जाना तय है। यहां की यातायात समीक्षा और बाजारों सड़कों पर अस्थाई कब्जों पर गौर किए बिना यहां व्यवस्था बन पाना सम्भव नहीं।