- न टीसीपी की भूमिका न नगरीय प्रशासन का डर
- अधिकारियों के संरक्षण में शहर में जगह जगह अवैध कालोनाईजेशन
शिवपुरी जिला मुख्यालय पर चल रहे अवैध कॉलोनाइजेशन को लेकर इस कदर हीलाहवाली देखी जा रही है कि यहां अवैध कॉलोनियां संख्या में और बढ़ती चली जा रही है। सरकारी विभागों के लिए सुरक्षित भूमि भी अब अवैध कॉलोनाईजेशन की जकड़ में आ गई है। शिवपुरी ग्वालियर मार्ग पर पुलिस के लिए आरक्षित भूमि पर भी अवैध प्लॉटिंग हो गई है। कलेक्टर कोठी के सामने होटल पीएस के इर्द.गिर्द केटीएम कॉलेज रोड बड़ौदा करौंदी होटल स्टार गोल्ड के पीछे बड़े हनुमान मंदिर रोड, पोहरी रोड़ पर पर समारोह रातोर आदि क्षेत्रों में खेतों में कॉलोनियां काटी जा रही है, कॉलोनी काटकर मुनाफा भूमाफि या कमा रहे हैं और विकास कार्य प्रशासन के मत्थे मढ़े जा रहे हैं।
रेरा में पंजीयन कराए बगैर बिना वैध कॉलोनाइजर के लाइसेंस अथवा टीसीपी की अनुमति के बगैर धुआंधार प्लाटिंग की जा रही है। इस पूरे कारोबार में स्थानीय पटवारियों से लेकर अन्य तमाम अधिकारियों की मिलीभगत स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। पूर्व में इस संबंध में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन से लेकर अन्य स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस भी दिया गया है। यहां बता दें कि उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने एक जनहित याचिका में अवैध कॉलोनाइजेशन को रोकने हेतु दिशा निर्देश दिए थे जिसके अनुपालन में तत्कालीन कलेक्टर राजीव दुबे द्वारा एक शासकीय पत्र सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को जारी किया गया था लेकिन इन निर्देशों के बावजूद भी आज दिनांक तक यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा नगरपालिका अधिनियम की धारा 339 के अनुसार अवैध कॉलोनी निर्माता को कम से कम 3 वर्ष तथा अधिक से अधिक 7 वर्ष तक के कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है, किंतु आज दिनांक तक इस धारा के तहत शिवपुरी जिले में एक भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हुआ है। यह मिली भगत का परिचायक है।
शिवपुरी में किस कदर से अंधेरगर्दी चल रही है कि 2019 में नगर पालिका शिवपुरी द्वारा शिवपुरी के 57 अवैध कॉलोनाइजर्स को 181 अवैध कॉलोनियों के निर्माण के संबंध में कार्रवाई हेतु नोटिस जारी किए गए थे बाद में यह पूरा मामला एसडीओ राजस्व के दफ्तर में पहुंचने के बाद ठंडे बस्ते कर दिया गया। कुल मिलाकर यहां के हालात यह हैं कि भूमाफियाओ के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर राजस्व विभाग के जिम्मेदारों की हिम्मत जबाव दे रही है इसे यहां इस रुप में भी कहा जा सकता है कि यह सब मिली भगत के तहत चल रहा है।