अंतत: केपी सिंह ने शिवपुरी से दाखिल किया पर्चा, दावेदारी पर छंटने लगा संशय

अब तक पिछोर और शिवपुरी को लेकर असमंजस की बन रही थी स्थिति

तीन लोगों के साथ आए न तामझाम न शोर शराबा

फिलहाल की स्थिति देखें तो अब कांग्रेस में जो संशय का कुहांसा था वह अब धीरे धीरे छंटता दिखाई दे रहा है। बुधवार को शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह कक्काजू ने अपना नामांकन बिना तामझाम और किसी तरह के शोर शराबे के बेहद सादगीपूर्ण अंदाज में अपने अभिभाषक के साथ रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में दाखिल कर दिया। एक तरह से आधिकारिक तौर पर उन्होंने अपनी दावेदारी शिवपुरी सीट से जता दी है, हालांकि अभी बी फार्म में मैनडेट जमा होने के बाद स्थिति क्लीयर हो जाएगी लेकिन अब कोई चेंज होगा इसकी संभावना बेहद क्षीण है। अपना नाम निर्देशन पत्र भरने के तत्काल बाद केपी सिंह ने वहां से रवानगी डाल दी। उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखते हुए पत्रकारों से कहा कि वे 30 के बाद प्रेस से चर्चा करेंगे। इस समय कांग्रेस में भाजपा से त्यागपत्र देकर आए नेताओं के द्वारा जिस तरह की बयान बाजी सामने आ रही है, उससे कांग्रेस में वे चेहरे भी चिन्हित होने लगे हैं जो आने वाले कल में भितरघात जैसी स्थिति निर्मित करते। इनके इस एक्सपोजर का लाभ कहीं न कहीं कांग्रेस को मिल सकता है।

यहां बता दें कि शिवपुरी और पिछोर विधानसभा सीट पर पिछले कई दिनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंंकि खुद केपी सिंह जो पिछोर विधायक है उन्होंने शिवपुरी से चुनावी दावेदारी करते हुए जब पिछोर सीट छोड़ी तो कांग्रेस ने वहां से शैलेन्द्र सिंह बुन्देला को प्र्रत्याशी बनाया। इसके बाद वहां फिर टिकट चेंज हुआ और पिछोर में भाजपा प्रत्याशी के विरुद्ध कांग्रेस ने लोधी समुदाय के ही उम्मीदवार अरविंद लोधी को मैदान में उतार दिया। इस बीच इन सबके बीच की ट्यूनिंग यह दर्शाती है कि सब कुछ एक गेम प्लान के तहत कांग्रेस ने किया क्योंकि जब तक प्रत्याशी नहीं बदला तब तक शैलेन्द्र ने भी अपना न तो प्रचार शुरु किया न कार्यालय ही खोला। अब बात करें शिवपुरी विधानसभा सीट की तो विधायक केपी सिंह ने 22 अक्टूबर को पिछोर में यह बयान देकर दोनों सीटों पिछोर और शिवपुरी विधानसभा सीट पर फिर से असमंजस पैदा कर दी थी कि वे पिछोर भी लौट सकते हैं। लेकिन अब शिवपुरी से उनके द्वारा किए गए नामांकन दाखिले से लगता है कि वे शिवपुरी से चुनावी मूड बना चुके हैं। इस बीच वे शिवपुरी ग्रामीण क्षेत्र के सघन दौरे और जनसम्पर्क कर अपनी चुनावी फील्डिंग जुटे हैं। शिवपुरी मेंं उन्होने अभी तक अपना चुनाव कार्यालय नहीं खोला है और न ही किसी तरह के प्रचार पोस्टर्स और बैनर लगवाए हैं। उनकी यह रणनीति विरोधियों के लिए शोध का विषय बन रही है। नामांकन फार्म भरने के दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा, केपी सिंह के व्यावसायिक सहयोगी राजेन्द्र गर्ग और जिनेश जैन मौजूद रहे।

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Rahil Sharma
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