- दो घंटे डाक रही बंद, समझाइश देने वाले रहे नदारद
शिवपुरी जिले में कभी खाद को लेकर तो कभी मण्डी में व्याप्त अराजकता को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं यह सिलसिला कोलारस अनुविभाग में कुछ अधिक ही दिखाई दे रहा है। अब सब डिवीजन की कोलारस मंडी में मक्का लेकर पहुंचे किसानों ने भाव कम मिलने के चलते हंगामा कर दिया। इसके चलते व्यापारियों और मंडी कर्मचारियों को डाक बंद करनी पड़ी। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मंडी सचिव के मौके पर मौजूद न होने के चलते किसानों को समझाइश देने वाला कोई नहीं मिला।
किसानों के हंगामे के चलते मंडी में डाक लगना बंद रही। बाद में मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार सचिन भार्गव ने उचित भाव में मक्का खरीदी का आश्वासन देकर किसानों को समझाइस दी तब कहीं जाकर दो घंटे बाद मंडी में डाक लगना शुरू हो सकी।
-मक्के के कम भाव को लेकर हुआ हंगामा-
जानकारी के मुताबिक कोलारस अनाज मंडी इन दिनों मक्के की भारी आमद हो रही है। सोमवार को मंडी कर्मचारी और व्यापारियों ने मिलकर 11 बजे के बजाय सुबह 10 बजे मक्के की डाक लगाना शुरू कर दी थी। शुरुआत में करीब 10 से 12 ट्रॉलियों की डाक लग सकी थी। किसानों ने कम भाव मिलने के चलते मंडी में हंगामा कर दिया। किसानों का आरोप था कि उनकी फसल का महज 1700 से लेकर 1900 रुपए प्रति क्विंटल का भाव लगा रहे थेए जबकि इससे पहले 2200 के ऊपर नीचे मक्के का भाव किसानों को मिला था। मक्के की ज्यादा आमद के चलते उनकी फसल के ओने पोने भाव में खरीदने का प्रयास किया जा रहा है।
– 40 हजार क्विंटल के करीब मक्का लेकर पहुंचे किसान-
कोलारस अनाज मंडी ने इस बार मक्का की खरीदी के मामले में इतिहास रच रही है। यहां हर रोज हजारों क्विंटल मक्का किसान लेकर पहुंच रहे है। कोलारस मंडी में हर रोज 500 ट्रॉली मक्का की खरीदी हो रही है। इसके बाद कॉलेज ग्राउंड में भी मक्के से भरी ट्रॉलियों की डाक लगाई जा रही है।बता दें कि शनिवार रविवार को मंडी बंद रहने से और शिवपुरी की पिपरसमा मंडी बंद रहने से कोलारस की अनाज मंडी में करीब 40 हजार क्विंटल मक्का करीब 1500 से 2000 ट्रॉलियों में भरकर किसान पहुंचे हैं।
इनका कहना है-
नायब तहसीलदार सचिन भार्गव ने बताया कि आज सुबह मंडी में मक्के की डाक लगना शुरू हो गई थी लेकिन कुछ किसानों की मक्के की फसल में नमी पाई गई थी जिससे व्यापारियों ने भाव कम लगाया था। मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाइस दी थी। इसके बाद मंडी में खड़े होकर डाक को देखा था। किसानों की मक्के की फसल 2100 रुपए के आसपास खरीदी गई थी।