- जिले में सबसे अधिक तीन बार के विधायक भी हैं पत्तेवाले
प्रदेश मंत्रिमंडल में किन किन विधायकों को स्थान मिल सकता है इसे लेकर लंबी कवायद चल रही है। सूत्रों की माने तो जिन विधायकों ने कांग्रेस के दिग्गजों को पराजित किया है, उन्हें पार्टी प्रदेश मंत्रिमंडल में स्थान देने के फार्मूले पर विचार कर रही है। प्रदेश के पटल पर ऐसे लगभग 13 चेहरे सामने आए हैं जिन्हें भारी मतांतर से दिग्गजों को हराने में सफ लता मिली है। हालांकि सभी को मंत्रिमंडल में इस पैमाने पर एडजस्ट नहीं किया जा सकता, फिर भी इनमें से आधा दर्जन के लगभग चेहरों पर फोकस किया जा रहा है जिनमें शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक देवेंद्र जैन का नाम भी शामिल बताया जा रहा है।इन आधा दर्जन से ज्यादा भाजपा नेताओं ने ग्वालियर चंबल और बुंदेलखंड में कांग्रेस के दिग्गजों को पराजित किया है जिनमें शिवपुरी के देवेंद्र जैन ने 30 साल से विधायक केपी सिंह को 43000 मतों से पराजित किया है, चाचौड़ा से दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को प्रियंका मीणा ने पराजित किया है, सेवड़ा में घनश्याम सिंह को प्रदीप अग्रवाल ने शिकस्त दी है तो लहार सीट पर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को अम्बरीश शर्मा ने और भिंड में चौधरी राकेश सिंह को नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने हराया है।
इसी क्रम में छतरपुर में आलोक चतुर्वेदी को ललिता यादव और पन्ना जिले में मुकेश नायक को प्रहलाद लोधी ने लगातार दूसरी बार हराया है। इन सभी 6 विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने पर विचार चल रहा है। मध्य प्रदेश के विंध्य और महाकौशल अंचल के चार नेताओं ने भी कांग्रेस के दिग्गजों को पराजय दी है। इनमें जबलपुर पश्चिम से कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री रहे तरुण भनोट को राकेश सिंह ने पराजित किया है, मैहर में नारायण त्रिपाठी को हराने वाले श्रीकांत चतुर्वेदी, सिंहावल में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को पराजित करने वाले विश्वामित्र पाठक और लांजी में हिना कांवरे को हराने वाले राजकुमार को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
जिले से ये भी दावेदार
पहली वार के विधायकों को भी पार्टी मंत्री पद से नवासने का नया प्रयोग कर सकती है, वहीं दलित और पिछड़ा वर्ग को भी चांस मिलना तय है। शिवपुरी जिले की बात करें तो यहां से वर्तमान में चार भाजपा विधायक हैं जिनमें से देवेन्द्र तीसरी बार बने है जबकि रमेश खटीक और महेन्द्र यादव दूसरी मर्तबा चुन कर गए हैं। केवल प्रीतम लोधी ही पहली बार विधानसभा में पहुंचे हैं।