रॉयल्टी का काला खेल उजागर : लीज क्षेत्र में महीने भर से भरा है पानी, फिर भी धड़ाधड़ कट रही थी रॉयल्टी

जंगल को छावनी बनाकर महकमे ने 2 ट्रक से अधिक का माल फोड़ा

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में माफिया तत्वों के हौसले बुलंदी पर हैं और प्रशासन माफिया के आगे बौना नजर आ रहा है। खनन लीजधारकों द्वारा किए जा रहे उत्खनन की मौके पर जाकर जाँच करने की जहमत तक खनिज विभाग नहीं उठाता है कि पत्थर की जो रॉयल्टी काटी जा रही है ,वह लीज क्षेत्र से आ रहा है या कहीं से चोरी करके लाया जा रहा है। एक रोज पूर्व सहरिया क्रांति द्वारा सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट ने राजधानी तक खलबली मचा दी। वायरल पोस्ट के बाद नींद से जागे वन अमले ने मौके पर जाकर देखा तो अधिकारियों की आँखें खुली रह गईं। अधिकारियों ने देखा कि लीज में मात्र 50 फुट का गड्डा है, और वो भी पानी से लबालब है, फिर इतनी रॉयल्टी कैसे काटी जा रही है। दल ने आगे जाकर देखा तो मामला समझ में आया। लीज की ओट में माफिया तत्वों ने वन की वीट केनवाया के कक्ष आरएफ़ 412 में उत्खनन का काम चला रखा था। वन अमले को देखते ही जंगल में भगदड़ मच गई और जिसे जहाँ मौका मिला वो उधर को भाग खड़ा हुआ। वन क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन कर रहे माफिया को वन विभाग के दल न केवल खदेड़ा बल्कि कई ट्रक पत्थर फर्सी को तोड़कर नष्ट किया।

शिवपुरी की तहसील पिछोर के ग्राम केनवाहा में स्थित निजी भूमि पर फर्सी पत्थर खनिज के उत्खनन में धांधली और अवैध गतिविधियों का मामला उजागर हुआ है। सर्वे नम्बर 245 रकवा 1.00 हेक्टेयर पर खनिज उत्खनन की लीज श्याम सिंह गुर्जर के नाम पर है। खास बात ये है कि इस लीज क्षेत्र में पानी भरा हुआ है और यहाँ कोई उपयोगी पत्थर (फर्सी या खंडे) मौजूद नहीं है, लेकिन इसी लीज की ओट में वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा था। कई हेक्टेयर जंगल में मशीनें उतारकर माफिया वनों को तबाह कर पत्थर निकाल रहे थे। वन परिक्षेत्र करैरा के बीट वनवाहा में अवैध उत्खनन की सूचना पर डीएफओ सुधांशु यादव ने फोरेस्ट रेंजर अनुराग तिवारी को निर्देशित किया। अनुराग तिवारी के नेतृत्व में आधा सेंकड़ा के लगभग वनकर्मी वाहनों से मौके पर पहुँचे। वन अमले ने जंगल में चल रहे अवैध उत्खनन की गतिविधियों की जाँच की और पाया कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा है। टीम ने मौके पर पहुँचकर लगभग 2 ट्रक से अधिक फर्सी पत्थर को तोड़कर नष्ट किया व पंचनामा बनाया। लीज में पानी भरे होने से यह स्पष्ट हो गया है कि लीज धारक द्वारा रात और दिन के समय बाहरी लोगों की मदद से वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन कराया जा रहा है। इस अवैध उत्खनन की रायल्टी राजस्व क्षेत्र से काटी जा रही है, जिससे सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुँच रहा है साथ ही जंगल के पर्यावरण और वनस्पतियों को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।

वन रेंजर अनुराग तिवारी ने इस मामले में कहा कि अवैध उत्खनन की गतिविधियों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर से यह दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की निगरानी की कमी के कारण अवैध गतिविधियाँ धड़ल्ले से चल रही हैं। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो इससे न केवल वन क्षेत्र की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी, बल्कि स्थानीय पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ेगा। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस मामले में उच्च अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है और सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी अवैध गतिविधियाँ भविष्य में न हों, सख्त नियम और निगरानी प्रणाली लागू की जाए।

सहरिया क्रांति संयोजक की इस पोस्ट से प्रशासन की नींद टूटी

शिवपुरी। सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट ने जिला प्रशासन और वन अमले को हिला दिया है। इस पोस्ट में दावा किया गया है कि शिवपुरी की केनवाया खदान में 50 बाई 50 फीट के गड्ढे से करोड़ों रुपये का फर्सी पत्थर निकाला गया है, यह आश्चर्य जनक है । व्यंग करते हुये लिखा कि इस उत्खनन का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड में दर्ज हो सकता है। सहरिया क्रांति संयोजक द्वारा पोस्ट किए गए विवरण के अनुसार छोटा सा लीज एरिया जिसमे भी 1 माह से पानी भरा हुआ है उसके नाम पर जंगल में यह अवैध उत्खनन इतनी बड़ी मात्रा में हुआ है कि वन इलाक़ा तवाह हो गया । इस पोस्ट में जिला प्रशासन और टास्क फोर्स को भी पुरस्कार देने की बात की गई है। पोस्ट के सार्वजनिक होते ही प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों ने पाया कि खदान के नाम पर बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा था।

सहरिया क्रांति ने की जाँच की माँग, अवैध उत्खनन पर कड़ी कार्रवाई की अपील

केनवाहा में फर्सी पत्थर खनिज की लीज पर चल रहे अवैध उत्खनन की गतिविधियों को लेकर सहरिया क्रांति ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग से अपील की है कि लीज धारक द्वारा अब तक काटी गई रॉयल्टी की मात्रा का मिलान किया जाए और उसे लीज क्षेत्र से उत्खनित पत्थर की वास्तविक मात्रा से सत्यापित किया जाए।

सहरिया क्रांति के प्रतिनिधियों सुनील आदिवासी, मोहरसिंह आदिवासी ने आरोप लगाया है कि हाल ही में फोरेस्ट की दबिश के दौरान लीज क्षेत्र में अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी पाया गया। लीज धारक ने वनक्षेत्र में बड़े पैमाने पर पत्थर निकालने की गतिविधियाँ की हैं, जो न केवल स्थानीय वनक्षेत्र के लिए खतरा है, बल्कि सरकारी राजस्व की भी चोरी है। लीज धारक द्वारा घोषित रॉयल्टी और वास्तविक उत्खनित पत्थर की मात्रा के बीच बड़ा अंतर हो सकता है। ऐसी स्थिति में, उन्होंने एक संयुक्त टीम के गठन की अपील की है, जिसमें वन विभाग और खनिज विभाग के अधिकारी शामिल हों, ताकि लीज क्षेत्र का निरीक्षण किया जा सके और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।इस मांग के साथ, सहरिया क्रांति ने प्रशासन से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक जाँच पूरी नहीं हो जाती, तब तक लीज क्षेत्र में उत्खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए। सहरिया क्रांति ने उच्च अधिकारियों से भी शीघ्र हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि जाँच की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा सके और अवैध उत्खनन को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।

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Rahil Sharma
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