-3 दिन से गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम डटी, विधायक भी पहुंचे थे
शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा के सेवाखेड़ी गांव में दूषित पानी पीने से कई ग्रामीण उल्टी दस्त का शिकार हो गए। आंत्रशोथ फैलने की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव की हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव में जाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। इनमें से कुछ बीमारों को पोहरी के स्वास्थ्य केंद्र सहित जिला अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। बता दें कि आज सेवाखेड़ी गांव के बीमार ग्रामीणों से मिलने पोहरी से विधायक कैलाश कुशवाह जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने अस्पताल की अवस्थाओं और मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार न होने के चलते नाराजगी जाहिर की।
जानकारी के मुताबिक सेवाखेड़ी गांव में पिछले 6 दिनों से एक हैंडपंप का दूषित पानी पीने से ग्रामीण बीमार होने लगे थे। ग्रामीण उल्टी दस्त का शिकार हो रहे थे। गांव में करीब आधा सैकड़ा लोग उल्टी दस्त की बीमारी से पीड़ित हो चुके थे। सूचना मिलने के बाद पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है और साथ ही उन्हें उपचार मुहैया करा रही है। इसके अलावा बीमारी से अधिक पीड़ित को स्वास्थ्य केद्रों पर भर्ती के लिए रेफर भी कर रही है।
पोहरी विधायक ने अस्पताल का किया निरीक्षण-
सेवाखेड़ी गांव में दूषित पानी से बीमार हुए लोगों की सूचना मिलने के बाद पोहरी से कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा जिला अस्पताल पहुंचे थे जहां उन्होंने बीमार लोगों से चर्चा कर उनका हाल जाना। इस दौरान विधायक ने अस्पताल में व्याप्त अवस्थाओं सहित डॉक्टर और नर्सों के द्वारा मरीजों से किये जा रहे व्यवहार को लेकर चिंता जाहिर की और साथ ही इसकी शिकायत सिविल सर्जन डॉक्टर बी एल यादव से भी की। इस दौरान विधायक कैलाश कुशवाहा ने ड्यूटी डॉक्टर दिनेश राजपूत को भी अच्छा व्यवहार करने की नसीहत दी।
400 बिस्तर के अस्पताल में 600 से ज्यादा मरीज हैं भर्ती-
विधायक कैलाश कुशवाहा की नाराजगी को देखते हुए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बी एल यादव ने विधायक को बताया कि जिला अस्पताल 400 बिस्तर का अस्पताल है जबकि अस्पताल में वर्तमान में 600 से ज्यादा मरीज भर्ती है जिनके उपचार की व्यवस्था में डॉक्टर सहित नर्स लगे हुए हैं। अधिक मरीजों की संख्या होने के चलते स्वास्थ्य सेवाएं देने में डॉक्टर सहित नर्सिंग स्टाफ को परेशानियों के दौर से भी गुजरना पड़ रहा है।
गंदे पानी के जल भराव के पास लगा हुआ था हैंड पंप-
सेवा खेड़ी गांव में उल्टी दस्त की बीमारी फैलने पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संजय ऋषिश्वर ने बताया कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया जहां ग्रामीण गंदे पानी के जल भराव के स्थल पर लगे हैंडपंप से पानी पी रहे थे। संभवत हैंडपंप से निकले दूषित पानी से ग्रामीण उल्टी दस्त का शिकार हुए हैं। पिछले तीन दिनों से लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। सभी मरीजों का उपचार किया जा रहा है जल्द ही सभी मरीज स्वस्थ हो जाएंगे।
10 दिन पहले से कुएं के दूषित पानी पीने से फैली बीमारी- क्रमश: सोमवार और बुधवार को हुई सुहानी और नेहा की मौत
बीते चार दिन से कोलारस अनुविभाग के टीलाकलां में फैली बीमारी ने अब तक 2 लोगों की मौत हो गई, और तमाम लोग बीमार हैं जिनमें कुछ की स्थिति चिंताजनक है।
शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग के टीलाकला गांव में फैले आंत्रशोथ से बुधवार तक दो बच्चों की मौत हो गई। मरने वाली दोनों लड़कियां हैं। इससे पहले सोमबार को भी एक बच्ची की मौत हो गई थी। इन मौतों के बाद चेता स्वास्थ्य विभाग अब गांव में बीमारों का उपचार करने की बात कह रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव को अपनी निगरानी में रखे हुए है। जानकारी के अनुसार टीलाकला गांव में बीमारी कुएं के दूषित पानी पीने से दस दिन पहले फैली थी लोग बीमार पड़ रहे थे मगर स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजतन अब गांव में जब मौतों का सिलसिला शुरु हो गया।
सोमवार को दो साल की सुहानी पुत्री राजाराम आदिवासी की मौत उल्टी दस्त की बीमारी से हो गई इसके बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को गांव में उल्टी, दस्त, जुखाम, खांसी बुखार आदि का परीक्षण किया गया इसके साथ मलेरिया की जांच भी की गई थी लेकिन जांच में सामने आया कि किसी भी ग्रामीण को मलेरिया नहीं हुआ हैं।ग्रामीणों के स्वास्थ्य परीक्षण में कुल 66 मरीज बीमारी से ग्रसित थे जिनमें उल्टी दस्त के 28, पेट दर्द के 9, बुखार के 12 और अन्य बिमारी के 17 मरीज पाए गए। गांव में मंगलवार की रात ढाई साल की नेहा पुत्री मौसम आदिवासी की तबियत बिगड़ गई। बच्ची को पहले कोलारस फिर बाद में जिला अस्पताल रेफर किया गया। बुधवार की शाम रन्नौद तहसीलदार अशोक राजपूत ने ढाई साल की नेहा पुत्री मौसम आदिवासी की मौत की पुष्टि की है। स्वास्थ्य विभाग ने इस गांव में आंत्रशोथ के लक्षण ग्रामीणों में पाए हैं।