कांग्रेस ने सिंधिया को घेरने केपी को उतार कर चौंकाया, शिवपुरी में बिछाया जाल

केपी विरुद्ध सिंधिया के आसार
  • अब ग्वालियर में सतीश तो शिवपुरी में केपी बनेंगे चुनौती
  • करैरा, पिछोर, पोहरी और कोलारस से भी नाम घोषित, पिछोर से शैलेन्द्र सिंह

नवरात्रि के पहले ही दिन कांग्रेस की सामने आई 144 विधानसभा प्रत्याशियों की लिस्ट में शामिल कुछ नामों ने सब को चौंका दिया है। सबसे बड़ा चौंकाने वाला जो कदम कांग्रेस ने उठाया है वह है पिछले 30 साल से पिछोर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व मंत्री एवं पिछोर विधायक केपी सिंह कक्काजू को पिछोर से टिकट देने के स्थान पर उन्हें शिवपुरी से चुनाव मैदान में उतार दिया है।

जबकि पिछोर विधानसभा सीट पर खनियाधाना के पूर्व विधायक भानु प्रताप सिंह बुंदेला के बेटे और खनियाधाना के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रहे शैलेंद्र सिंह बुंदेला को टिकट दिया गया है। इसके अलावा कोलारस से बैजनाथ सिंह यादव करेरा विधानसभा सीट से विधायक प्रगीलाल जाटव, पोहरी विधानसभा क्षेत्र से कैलाश कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है। इस लिस्ट से टिकट की उम्मीद में पार्टी छोड़कर भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को जहां खाली हाथ रहना पड़ा है वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन गोटू का पत्ता भी कोलारस से साफ कर दिया गया है। जबकि भाजपा से काँग्रेस में आए बैजनाथ यादव जातिगत समीकरणों के चलते टिकट पाने में सफल रहे हैं।

सिंधिया के मुकाबले केपी को शिवपुरी से उतारा

इस समय सर्वाधिक चौकाने वाला निर्णय कांग्रेस ने शिवपुरी विधानसभा सीट पर लिया है जो कि पिछले लम्बे समय से भाजपा की परम्परागत सीट के तौर पर मानी जा रही थी। यहां से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री एवं पिछोर विधायक केपी सिंह कक्काजू जो कि लगातार छह चुनाव पिछोर विधानसभा सीट से जीतते चले आ रहे हैं, उन्हें शिवपुरी विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। उन्हे पिछोर की बजाए शिवपुरी से प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे एकमात्र गणित सिंधिया फैक्टर को टक्कर देना माना जा रहा है।

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यहां बता दें भाजपा हाईकमान द्वारा केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने की चल रहीं अटकलों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष शिवपुरी विधानसभा और ग्वालियर पूर्व दो ही स्थान ऐसे बचते हैं, जहां से उन्हें भाजपा विधानसभा चुनाव मैदान में उतर सकती है। कांग्रेस हर स्तर पर सिंधिया की चौतरफा घेराबंदी करने की मानसिकता में है। ऐसे में ग्वालियर पूर्व सीट की बात करें तो वहां पहले से ही कांग्रेस का कब्जा है और सतीश सिंह सिकरवार वहां से विधायक हैं तथा उनकी धर्मपत्नी ग्वालियर महापौर हैं। ऐसे में ग्वालियर सीट सिंधिया के लिए आसान टास्क नहीं कही जा सकती। अब रह गई शिवपुरी विधानसभा सीट जिस पर अभी तक विधायक यशोधरा राजे सिंधिया काबिज रही हैं मगर वे पिछले दिनों चुनाव लडऩे से साफ इनकार कर चुकी हैं।

इसके बाद भाजपा में सन्नाटा पसरा हुआ है, माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए शिवपुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है और इसी संभावना को दृष्टिगत रखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया की सम्भावित उम्मीदवारी को भांप कर उनके मुकाबले में कांग्रेस ने पहले ही पिछोर से अविजित कांग्रेस नेता केपी सिंह कक्काजू को शिवपुरी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर डाली है। अब यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी विधानसभा सीट से चुनाव का मन बनाते हैं तो उनके लिए यहां भी मुकाबला बेहद आसान नहीं रह जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में केपी सिंह को कांग्रेस ने ठीक इसी तरह से लोक सभा चुनाव में राजमाता विजयाराजे सिंधिया के विरुद्ध उस समय गुना शिवपुरी से उतारा था जब रामसिंह यादव ने काँग्रेस का टिकट वापस कर दिया था।

सूची में 39 ओबीसीए एससी के 22 एसटी के 30 कैंडिडेट

कांग्रेस के घोषित 144 नामों में ओबीसी वर्ग के 39 प्रत्याशी हैं। अनुसूचित जाति वर्ग के 22 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 30 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। पहली लिस्ट में कांग्रेस ने 19 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि राज्य में 17 नवंबर को वोटिंग होगी और 3 दिसंबर को रिजल्ट घोषित होगा।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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One comment

  1. बेचन की नजर निराली है, संजय की कलम कमाली है

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