-आदिवासी महिला के गुप्तांग में लाठी से चोट
-हमले में गांव के आधा दर्जन से अधिक लोग घायल
-आदिवासियों ने दिया था पुलिस को आवेदन पर पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
ग्रामीण आदिवासियों की प्रशासनिक असुनवाई का नतीजा रहा कि दबंगों ने गांव में घुसकर आदिवासियों पर हमला बोल दिया। इस हमले में गोलियां तक चलाई गईं। घटना शिवपुरी के सुरवाया थाना क्षेत्र के ग्राम चुर रेंजा में घटित हुई है जिसमें दर्जन भर आदिवासी बुरी तरह से घायल हुए हैं। चुर गांव में आदिवासियों पर दबंगों ने गोलियां दागीं और कुल्हाड़ी लाठीयों से खूनी हमला करके घायल कर दिया। यहां बता दें कि आदिवासियों ने गत 18 जून को जिला मुख्यालय आकर वरिष्ठ अफसरों को लिखित आवेदन देकर अपने ऊपर हिंसक हमले की आशंका जताई थी मगर पुलिस ने समय रहते कोई कार्यवाही नहीं की जिसका नतीजा आज गोलीकांड के रूप में देखने को मिला।
फारेस्ट की जमीन को लेकर हुई खूंरेजी-
सुरवाया थाना क्षेत्र के चुर गांव और केनवाया गांव के बीच सिंध नदी किनारे फॉरेस्ट की जमीन को लेकर गांव के गुर्जर समुदाय के दबंग लोगों ने सहरिया आदिवासियों पर बंदूक और कुल्हाड़ी से हिंसक हमला कर दिया। घायल आदिवासियों का आरोप है पुलिस ने इस मामले में आदिवासियों की बजाय हमलावर गुर्जर समुदाय के व्यक्ति को फरियादी बनाया है। पुलिस की कहानी के अनुसार फरियादी रघुवीर गुर्जर का आरोप है कि वह दोपहर के करीब अपनी बकरियों को चरा रहा था और उस समय कल्लू आदिवासी और धन्ती आदिवासी सरकारी जमीन पर साफ सफाई कर रहे थे। इसी दौरान रघुवीर गुर्जर, राजाराम गुर्जर, बल्लू गुर्जर, मुलायम गुर्जर, शिशपाल सिंह, इन्दर गुर्जर, हरवीर गुर्जर, लक्ष्मन गुर्जर, अमर सिंह गुर्जर निवासीगण चुर व जिहान सिंह गुर्जर, रंजीत गुर्जर, अनिल गुर्जर, राजबीर गुर्जर, रघुनाथ गुर्जर, सुरेन्द्र गुर्जर, नरेश गुर्जर, धर्मबीर गुर्जर, जबाहर सिंह गुर्जर, सुखबीर गुर्जर, करतार सिंह गुर्जर, जितेन्द्र गुर्जर, बभूत सिंह गुर्जर मौके पर पहुंचे और आदिवासियों को जमीन खाली करने को कहा जबकि भूमि वन विभाग की थी और हमलावर उसे खुद कब्जाना चाहते थे। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया और जमकर लाठी डंडे और पत्थर चलने लगे। इस खूनी संघर्ष में कल्लू आदिवासी गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना की सूचना मिलते थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने रघुवीर गुर्जर सहित 15 आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 294, 323, 324, 506, 147, 148, 149 भादवि एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है। पुलिस ने क्रॉस कायमी की बात कही है।
आदिवासियों का कहना है-
सहरिया आदिवासी समुदाय के लोगों ने जानकारी देते हुये बताया कि हम सभी सुरवाया थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम चुर रेंजा में स्थित वन भूमि पर अपनी टपरिया बनाकर पिछले लंबे समय से रह रहे हैं। समीप के गांव में ही स्थित दबंग गुर्जर समाज के कुछ लोग सैकड़ो बीघा वन भूमि पर कब्जा कर फॉरेस्ट विभाग की मिली भगत से खेती कर रहे हैं। उक्त दबंगों की मंशा है कि जिस वन भूमि पर आदिवासी लोग खेती कर अपनी टपरिया बनाए हुए हैं उन्हें मिटाकर हमारी जमीन कब्जा कर लें और फिर पूरी वन भूमि पर उन्हीं की खेती हो।आदिवासियों का कहना है कि ये दबंग अक्सर परेशान करने और जान से मारने की धमकी आते हैं जिसे लेकर हमने 18 जून 2024 को पुलिस थाना सुरवाया को एवं जिला अधिकारियों को लिखित में शिकायत देकर सुरक्षा की गुहार लगाते हुए आवेदन दिया था जिसमें हमने लिखा था कि हमें गांव के रघुवीर पुत्र दूल्हा गुर्जर शिशुपाल सिंह मुलायम इंद्र पुत्र रघुवीर गुर्जर संग्राम राजाराम पुत्र दूल्हा गुर्जर कल्याण हरवीर बल्लु अमरसिंह रामवतार पुत्र राजाराम गुर्जर देवेन्द्र पुत्र संग्राम सिंह गुर्जर लक्ष्मण पुत्र मनीराम गुर्जर निवासी ग्राम चुर एनवल सिंह पुत्र रतीराम गुर्जर निवासी ग्राम खेरोना आदि आए दिन परेशान करते हैं, टपरिया में रात को आग लगा देते हैं और महिलाओं के साथ अश्लील हरकत करते हैं।
पुलिस ने हम आदिवासियों की शिकायत को गंभीरता से न लेते हुये हमारी बात को अनसुना कर दिया गया जिसका नतीजा ये निकला कि गत 25 जून को हम सभी अपनी टपरियों पर थे तभी हम पर उक्त लोगों ने गिरोह बनाकर हमला कर दिया जिसमे कल्लू आदिवासी पुत्र जगना आदिवासी के पैर मे गोली मारी जिससे वह घायल होकर गिर पड़ा। धंती आदिवासी के गुप्तांग में लाठी मारी उसके हाथ में व पेट पर भी लाठियों से हमला किया जिससे वह गंभीर घायल हो गई। पूजा आदिवासी पत्नी हुकुम सिंह के पैर व पीठ मे लगी है। गोमा बाई के ऊपर पत्थर से प्रहार किया जिससे उसके पीठ में चोट आई है। इसके अलावा 6 अन्य आदिवासी भी घायल हुये हैं। सहरिया क्रांति ने पुलिस व वन अधिकारियों से मांग की है कि जंगलों को तबाह करके अवैध संपत्ति बनाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाये।