-जनसुनवाई में असुनवाई का नायब उदाहरण पेश कर रहा है मामला
-हाईकोर्ट के आदेश पर भी अमल नहीं करवा पा रहा प्रशासन
जिले में गौचर और चरनोई की भूमि पर अतिक्रमण कर इस भूमि को खुर्दबुर्द करने का सिलसिला लगातार जारी है। इस भूमि पर कहीं फसल की जा रही है तो कहीं कॉलोनियां काटी जा रही हैं, लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक रेंगती नजर नहीं आ रही।
पोहरी अनुविभाग के बैराड़ तहसील अंतर्गत ग्राम खेरारा बनवारीपुरा में सैकड़ो बीघा चरनोई भूमि पर दबंगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इस अतिक्रमण को लेकर गत रोज गांव के ग्रामीणों ने लामंबद होकर जनसुनवाई में कलेक्टर को एक आवेदन पत्र क्रमांक 639 सौपा है। इससे पूर्व भी ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर के संज्ञान में यह मामला लाते हुए क्रमश: गत 13 सितंबर 2022, 18 जुलाई 2023 और 30 जनवरी 2024 को भी इस चरनोई की भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन कोई अधिकारी इस गोचर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने आगे नहीं आया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम खेरारा बनवारीपुरा तहसील बैराड़ की सर्वे नंबर 300, 115, 314, 258, 251 एवं 373 सर्वे नंबर की शासकीय भूमि जो राजस्व में गोचर चरनोई और तालाब के रूप में दर्ज है। इस भूमि पर इस समय भवन निर्माण तक कर लिए गए हैं, नलकूपों का खनन हो चुका है और फसल की जा रही है। भूमि को अवैध रूप से गांव के प्रभावशाली लोगों ने अपने कब्जे में ले रखा है।
हाईकोर्ट के आदेश की असुनवाई-
सबसे बड़ी बात यह है कि ग्वालियर हाईकोर्ट ने याचिका क्रमांक 1007 / 2022 के सुनवाई उपरांत 19 जनवरी 2022 को इस भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में आदेश जारी किया गया है, लेकिन इन सब के बावजूद भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है। एक बार तो राजस्व प्रशासन 2022 में जेसीबी मशीन और तमाम अमले को लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचा था लेकिन वहां दबंगों ने प्रशासन की टीम पर ही पथराव कर दिया। उसके बाद से वहां कोई अधिकारी मौके पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा और सैकड़ो बीघा चरणों की भूमि इस समय अतिक्रामकों के चंगुल में है।