- इस तरह के चेतावनी वोर्डो के बावजूद अवैध कालोनियों कटना जारी, पर फिर से नोटिस की तैयारी।
- जिन पर अवैध कालोनाईजेश में कई एफआईआर वे भी शहर में काट रहे हैं अवैध कालोनियां
- नपा ने त्यौहार बाद प्लान को अंजाम देने की तैयारी की
शिवपुरी शहर में अधिकारियों की अनदेखी और मनमानी कार्यप्रणाली के चलते अकेले शहरी क्षेत्र में ही अवैध कालोनियों की संख्या साढं़े तीन सौ से अधिक का आंकड़ा पार कर गई है। इनमें सबसे मार्के वाला जांच का विंदु यह भी सामने आया है कि शासन के प्रावधानों के विरुद्ध नपा ने भूमाफियाओं और अवैध कालोनाईजर्स को लाभ पहुंचाए जाने की मंशा से शासकीय धन से विकास कार्य करा डाले हैं। जबकि अवैध कालोनियों में शासन स्तर से सुविधा मुहैया कराना प्रतिबंधित है और इसके लिए कालोनाईजर्स से शुल्क बसूली के बाद ही शासन स्तर से विकास कार्य कराए जाना चाहिए थे। यहां ऐसा कुछ देखने में नहीं आया।
नगर पालिका सीमा में अवैध कालोनियों की बात करें तो यहां 353 अवैध कॉलोनियों की सूची सामने है। जिन के खिलाफ अभी तक प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
नोटिस बांट कर खेल करते रहे अफसर
नगर पालिका अवैध कॉलोनियोंं को धरातल पर सुविधाऐं देने के साथ साथ इनके कालोनाईजर्स को मात्र नोटिस बांट कर चुप्पी साधने का काम बखूबी करती रही है। यहां इस कार्य को देखने वाले अधिकारियों ने कॉलोनाइजर्स से सांठगांठ का खेल चला रखा है। राजस्व के पटवारी और आरआई भी इनके सायलेंट पार्टनर की भूमिका में हैं।अब खबर यह सामने आ रही है कि नए सीएमओ फिर से नोटिस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं। कहा जा रहा है कि अवैध कॉलोनाइजर को नए सिरे से नोटिस जारी किए जाएंगे। लेकिन नगर पालिका के इंजीनियर्स से लेकर पदाधिकारी तक यह बताने को तैयार नहीं कि जो नोटिस पहले बांटे थे उनका क्या हुआ वे क्यों ठण्डे बस्ते कर दिए गए। कितनों के खिलाफ एफआईआर की गई और कितना विकास शुल्क बसूला गया। अब फिर से नोटिस और एफआईआर का राग अलापा जा रहा है नोटिस जारी होंगे फिर जांच होगी फिर एफआईआर कराने की बात होगी और तब तक मामला फिर ठण्डे बस्ते हो जाएगा। पूर्व एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने अपनी देख रेख मेें अवैध कालोनियों के विरुद्ध नोटिस से लेकर तोड़फोड़ की कार्यवाही कराई मगर यह भी देा दिन चलकर ठण्डी पड़ गई। इस तरह की कार्यवाही सिर्फ भयादेाहन से अधिक और कुछ परिणाम मूलक कभी नहीं रहीं। शहर में ऐसे भू माफिया व्यावसायिक स्तर पर लक्जरियस अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं जिनके ट्रेक रिकार्ड को देखें तो इन पर अवैध कालोनाईजेशन के तमाम केस दर्ज हैं। लोगों से छलावा करने के बाद इन्हे कैसे नए सिरे से अनुतियां दी जा रही हैं यह जांच का विषय है। सतादल के कुछ पदाधिकारियों ने भी रियल स्टेट के धंधे में अवैध कालोनियों का नया व्यवसाय शुरु किेया है वायपास क्षेत्र में इनके द्वारा काटी जा रही अवैध कालोनियों पर प्रशासन कोई कदम उठाने की बजाए सिर्फ छुटपुट कार्यवाही करने तक सीमित है।
जो आंकड़े सामने आए है उसके तहतशहर में नपा क्षेत्र में 2012 तक 181 अवैध कॉलोनियां चिन्हित की गई थी दिसंबर 2016 को जारी अधिसूचना के तहत इन 181 कॉलोनियों को वैध कराना था लेकिन नगरीय निकाय से लेकर प्रशासन के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। शिवपुरी नगरीय सीमा में साल 2012 के बाद से दिसंबर 2022 तक 172 अवैध कॉलोनियों और बस गई। इस तरह अभी तक कुल 353 अवैध कॉलोनियां चिन्हित हैं। पूर्व में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए शासन स्तर से फरमान जारी हुआ 2023 के चुनाव बाद मोहन सरकार ने पूर्व की शिवराज सरकार के आदेश को निरस्त कर अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया से पल्ला झाड़ लिया। अब नए सिरे से अवैध कालोनियों पर काम किया जा रहा है। इन पर कार्रवाई के लिए नए सिरे से प्लानिंग की बात कही जा रही है।
नपा सीमा के साथ साथ अब शहर के आसपास के आऊट एरिया में भी अवैध कालोनियों की बाढ़ आ गई है। पटवारी हल्कों की जमीनों पर भी अवैध कॉलोनियों विकसित हो गई। ककरवाया, सिंह निवास, नोहरी बछौरा, चंदनपुरा, रातौर आदि पटवारी हलकों में बड़ी बड़ी कालोनियां काटी जा रही हैं। इसमें राजस्व विभाग के पटवारी आरआई से लेकर तहसील स्तर के अधिकारी संलिप्त हैं। क्योंकि राजस्व रिकार्ड में अवैध कॉलोनियों के प्लॉटों का नामांतरण हुए हैं।
इनका कहना है-
नगरीय क्षेत्र में अवैध कालोनियों को लिस्टेड किया गया है नियम विरुद्ध अवैध कालोनियां काटने वाले लोगों को नपा द्वारा नोटिस जारी किये जा रहे हैं जिनका प्रोफार्मा भी तैयार है तदोपरांत एफआईआर की जाएगी।इशांक धाकड़