सहरिया क्रांति के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग कई आदिवासियों उनके पारंपरिक निवास स्थान से बेदखल कर रहा है.
जानकारी अनुसार सहरिया लोग मध्य प्रदेश के सबसे गरीब और सबसे पिछड़े आदिवासियों में से एक हैं. वे आदिम जनजाति (अनुसूचित जनजाति) अधिनियम, 1956 के तहत अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध हैं. सहरिया लोग वन भूमि पर निर्भर हैं और वे वन भूमि पर खेती करते हैं, वन संसाधनों का संग्रह करते हैं और वन में रहते हैं.
सहरिया क्रांति के बैनर तले शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील के धुआं ग्राम पंचायत के विजना गांव के आदिवासियों ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर वन भूमि से बेदखल किए जाने का आरोप लगाया है. आदिवासियों ने कहा कि वे पिछले 40 से 50 साल से इस भूमि पर खेती कर रहे हैं और लगातार अतिक्रमण की राशि भी जमा करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग के कर्मचारी गांव के दबंगों से मिलकर उन्हें इस भूमि से बेदखल करने का षड्यंत्र रच रहे हैं.
आदिवासियों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि उन्हें तत्काल वन भूमि के पट्टे दिए जाएं और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें इस भूमि से बेदखल किया गया तो वे भूखों मर जाएंगे.
यह मामला आदिवासियों के अधिकारों के लिए एक गंभीर चुनौती है. आदिवासियों को इस भूमि से बेदखल किए जाने से वे अपना घर और खेती खो देंगे. यह उनके जीवन जीने का एकमात्र साधन है. सरकार को इस मामले में आदिवासियों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए और उन्हें इस भूमि पर पट्टे देने चाहिए.
वन विभाग का क्या है आरोप
वन विभाग का आरोप है कि सहरिया लोग वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं और वे वन संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं. वन विभाग ने सहरिया लोगों को वन भूमि से बेदखल करने के लिए कई अभियान चलाए हैं.
अध्यक्ष औतार भाई का कहना है कि सहरिया क्रांति एक शांतिपूर्ण आंदोलन है. सहरिया लोग वन विभाग से शांति पूर्ण तरीके से न्याय की उम्मीद रख रहे हैं । सहरिया लोगों का कहना है कि वे अपने पारंपरिक निवास स्थान से नहीं जाएंगे और वे वन भूमि पर अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे.
सहरिया क्रांति एक महत्वपूर्ण आंदोलन है. यह आंदोलन सहरिया लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहा है. यह आंदोलन वन विभाग के वन नीतियों के खिलाफ भी लड़ रहा है. सहरिया क्रांति एक ऐतिहासिक आंदोलन है और यह मध्य प्रदेश के आदिवासियों के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला रहा है.
सहरिया क्रांति की कुछ मांगे
- सहरिया लोगों को वन भूमि पर पट्टे दिए जाएं.
- सहरिया लोगों को वन संसाधनों का उपयोग करने का अधिकार दिया जाए.
- सहरिया लोगों को वन विभाग के वन नीतियों से राहत दी जाए.
- सहरिया लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं.