सामान्य से कम बारिश, तेज धूप से टपक रहे उड़द-सोयाबीन से फूल

मौसम विभाग के मुताबिक कई दिन से बारिश का कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है, इससे बारिश नहीं हो रही है। वहीं आगे भी कई दिन तक कोई सिस्टम बनता नजर नहीं आ रहा है और इससे कई दिन तक बारिश की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 17 अगस्त को सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है, इससे 18-19 अगस्त के बाद ही बारिश होने की उम्मीद है।

बारिश की बेरुखी किसानों की परेशानी बन गई है और इससे जिले की फसल खतरे में है। अब तक पिछले साल की तुलना में र सामान्य से कम बारिश हुई है। वहीं तेज धूप निकलने से उड़द-सोयाबीन की फसल में आ रहा फूल टूटकर टपकने लगा है।

श्रावण का डेढ़ माह बीत चुका है। पहले लगातार 15 दिन तक बारिश बंद हुई और इसके बाद सिर्फ दो दिन ही बारिश हुई और इसके बाद फिर से लगातार आठ दिन से बारिश बंद है। किसानों का कहना है कि उड़द-सोयाबीन की फसल में फूल आने का दौर चल रहा है, इस दौरान फसलों को पानी की जरूरत रहती है।

लेकिन आठ दिन से बारिश न होने व तेज धूप की वजह से फसल में आ रहा फूल सूखकर टपकने लगा है। वहीं जिले में धान की फसल भी खतरे में नजर आ रही है। इससे किसानों की चिंताएं बढऩे लगी हैं, किसानों का कहना है कि जल्दी बारिश नहीं हुई तो फसलों में नुकसान हो जाएगा।

कोई सिस्टम नहीं तो 18 अगस्त तक नहीं उम्मीद

soyabeen and udad farming

मौसम विभाग के हिसाब से

मौसम विभाग के मुताबिक कई दिन से बारिश का कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है, इससे बारिश नहीं हो रही है। वहीं आगे भी कई दिन तक कोई सिस्टम बनता नजर नहीं आ रहा है और इससे कई दिन तक बारिश की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 17 अगस्त को सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है, इससे 18-19 अगस्त के बाद ही बारिश होने की उम्मीद है।

हालांकि उनका कहना है कि इस बीच लोकल सिस्टम से कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन कितने क्षेत्र में होगी, इसका कोई अनुमान नहीं है।
इस बार बड़े रकबे में धान की फसल लगाई गई है तो वहीं धान की बोवनी भी हजारों हेक्टेयर में हुई है।

बोवनी वाली धान में पानी न मिलने से खेत सूख रहे हैं और इससे धान भी सूखती नजर आ रही है।धान के जिन खेतों में पानी भरा हुआ है, तेज धूप से पानी भट्टी की तरह तपकर धान को नुकसान पहुंचा रहा है।
किसानों का कहना है कि उड़द-सोयाबीन की बारिश की कमी से ग्रोथ भी कम रह गई है।बारिश न होने से किसान नुकसान के डर से खेतों दवाओं का छिड़काव भी नहीं कर पा रहे हैं।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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