धर्म अधिकमास की शिवरात्रि पर मंदिरों में भक्तों की भीड़

सावन माह में शिवरात्रि का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को शिव मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। वे भगवान शिव को जलाभिषेक, दूध, दही, शहद, घी, फल, फूल आदि चढ़ाते नजर आये हैं और शिव चालीसा, शिव स्तुति आदि का पाठ किया गया ।

सावन माह में हर तरफ देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना की जा रही है। मंदिरों एवं घरों में रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक हो रहे हैं।

शिवपुरी। इस साल सावन महीने की शुरुआत चार जुलाई 2023 से हुई थी। वहीं इसका समापन 31 अगस्त को होगा। इस बार सावन में आठ सोमवार, चार प्रदोष व्रत और दो मासिक शिवरात्रि हैं। सावन की दूसरी शिवरात्रि 14 अगस्त दिन सोमवार को मनाई गई । यह अधिक मास की शिवरात्रि भी थी । इस बार शिवरात्रि के दिन सावन सोमवार व्रत का सुंदर संयोग बना । वैसे तो सावन एक महीने का होता है, लेकिन इस बार सावन में अधिक मास जुडऩे से यह बढ़कर दो महीने का हो गया है। इस कारण सावन में पडऩे वाले कुछ व्रत और त्योहार की संख्या भी बढ़ गई है। पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन सावन का दूसरा और अधिक मास का पहला शिवरात्रि व्रत रखा । इस विशेष दिन पर एक अद्भुत संयोग का निर्माण रहा है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि को पूजा-पाठ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है।

सावन माह में शिवरात्रि का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को शिव मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। वे भगवान शिव को जलाभिषेक, दूध, दही, शहद, घी, फल, फूल आदि चढ़ाते नजर आये हैं और शिव चालीसा, शिव स्तुति आदि का पाठ किया गया ।

दिन भक्त भगवान शिव से आशीर्वाद मांगा और उनकी मनोकामनाएं पूरी होने की कामना की
आज मंदिरों में सावन की शिवरात्रि पर मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। लोग सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगे थे और देर रात तक पूजा-अर्चना करते रहे। मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई थीं। सभी भक्त भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उत्सुक थे। सावन माह में शिवरात्रि का व्रत सभी के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करके मोक्ष प्राप्त करते हैं।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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