- तमाशाई बने अधिकारी, पटवारियों का बड़ा खेल
- चप्पे चप्पे पर बड़े स्तर पर की कालोनाईजर्स द्वारा जा रही सरकारी जमीनों पर प्लाटिंग
सीएम हैल्प लाइन और जनसुनवाई ऐसे झुनझुने हैं जिन्हें जनता की दिल बहलाई को नियोजित ढंग से सामने किया जाकर जिम्मेदार अपने मनमाने खेल खेल रहे हैं। यहां सरकारी भूमि को निजी हाथों में जाते देख रोकना तो दूर प्रशासन इस तरह के मामलोंं में सीधे सामने आ रही सूचनाओं से लेकर सीएम हेल्प लाइन की शिकायतों को भी फोर्स क्लोज या मनमाने झूठे तर्क गढ़ कर बंद करने का कारनामा बखूबी अंजाम दे रहे हैं।शिवपुरी सब डिवीजन के हालात यहां मुख्यालय पर बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। यहां सीएम हैल्प लाइन भी बेअसर दिखाई दे रही है। अनुसनी का आलम यह है कि कलेक्टर से लेकर सीएस तक जिस सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायत की गई वह भूमि आज भी अवैध कब्जे से मुक्त नहीं कराई जा सकी है। मामला शहर में ही सर्वे नम्बर 120 तहसील शिवपुरी के राजपुरा क्षेत्र की वायपास पर स्थित 0.0630 हैक्टेयर भूमि का है जिसकी कीमत आज के तीन करोड़ से अधिक है। इस भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है जिसे लेकर स्थानीय नागरिक ने सीएम हैल्प लाइन लगाई तो जिम्मेदारों ने शिकायत को बिना तहकीकात के ही फोर्स क्लोज कर दिया। एक नहीं तीन तीन बार ऐसा हुआ है। इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर सीएस से की गई मगर क्या मजाल कि किसी भी स्तर पर काईवाई दिखाई दी हो।
यह प्राईम लोकेशन की जमीन सरकारी है इसी भूमि से लगी सर्वे नम्बर 121 की भूमि है जिस पर निजी निर्माण किया जाकर नाला को ही बंद कर दिया गया है और इसके कुछ भाग को एक कारोबारी ने कब्जा लिया है। यह भूमि आज की तिथि में एक कारोबारी ने अपने कब्जे में कर ली है और इस सरकारी भूमि के चारों ओर बाउण्ड्री कर डाली है, अब स्थिति यह है कि इस सरकारी भूमि पर भवन तानने की तैयारी की जा रही है।सरकारी भूमि को प्रशासन की नाक के नीचे किस तरह निगला जा रहा है, इसका इससे बड़ा प्रमाण कुछ नहीं मिलेगा जहां उच्च स्तर तक मामले की शिकायत के बावजूद प्रशासन कुछ भी करने की स्थिति में नहीं है। खसरा नम्बर 120 की इस भूमि के इस सम्बंध में स्थानीय नागरिक नरेन्द्र जैन का कहना है कि उन्होंने प्रकरण की शिकायत सीएम हेल्प लाइन से लेकर एसडीएम और कलेक्टर तक को की है, मगर किसी भी स्तर से कोई कार्यवाही होती दिखाई नहीं दे रही। उल्टे नगर पालिका और राजस्व विभाग नेे उनकी सीएम हेल्प लाइन को फोर्स क्लोज कर दिया जबकि कब्जा बरकरार है। हर स्तर पर प्रशासन कार्यवाही के नाम पर पल्ला झाड़ रहा है।
सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमणों की बात करें तो यहां यहां हल्का नंबर 63 मनियर में सर्वे नंबर 776 में नजूल की 1.891 हेक्टेयर 2 लाख 3 हजार वर्ग फीट जमीन चरनोई के रूप में दर्ज है। इस जमीन की बाजार कीमत करीब 15 करोड़ रुपए है। सर्वे नंबर 748 में 0.188 हेक्टेयर 20 हजार 200 वर्ग फीट जमीन भी चरनोई के रूप में दर्ज है। इसकी बाजार कीमत 1.21 करोड़ रुपए है। सर्वे नंबर 688 नजूल में 0.052 हेक्टेयर 5 हजार 597 वर्ग फीट जमीन पठार के रूप में दर्ज है। इसकी कीमत 33.58 लाख रुपए है। इन सभी पर अतिक्रमण है।मनियर क्षेत्र शिवपुरी 14.26 करोड़ रु की 2.39 लाख वर्गफीट जमीन पर कब्जा हो गया है। सर्वे नंबर 690 में 0.094 हेक्टेयर 10 हजार 111 वर्गफीट जमीन नहर कूल के नाम से दर्ज है। बाजार में कीमत 60.70 लाख रुपए है। वर्तमान में नहर गायब हो चुकी है। इसी प्रकार से पुरानी शिवपुरी मेें उद्योग विभाग की सरकारी जमीन जो लुहारी केन्द्र के लिए आरक्षित है उस पर अवैध रुप से कब्जा कर लिया गया है और यहां निजी वाऊण्ड्री खड़ी कर दी गई है। इस भूमि को अब तक कब्जा मुक्त कराने में प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं।
अवैध कालोनियों के प्रश्र पर भी चुप्पी है। प्रशासन ने करीब 300 के लगभग अवैध कालोनियां शिवपुरी में चिन्हित कर लीं मगर कार्यवाही के नाम पर चुप्पी बनी हुई है। अब तक इनमें से किसी कालोनाईजर पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकी। कुछ मामलों मेें स्थिति यह है कि एसडीएम और एडीएम के आदेश के बावजूद भी पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती।
-कस्टोडियन की भूमि पर होटल और व्यावसायिक संस्थान तने-
भूदान की भूमि पर यहां बाईपास क्षेत्र में बड़े मैरिज गार्डन तने हैं, तो तालाब की भूमि पर विवाह घरों के स्वामी काबिज हैं। यहां राजपुरा क्षेत्र में रेलवे स्टेशन रोड़ 6.65 करोड़ की 1.14 लाख वर्ग फीट सरकारी जमीन भू माफियाओं के कब्जे में हैं। हल्का 41 राजपुरा में नई पुलिस लाइन के पास तीन सर्वे नंबरों की 0.241 हेक्टेयर 25 हजार 900 वर्ग फीट सरकारी पर कब्जा कर मकान बना लिए हैं। यहां जमीन की कीमत 1.29 करोड़ रुपए है। सर्वे नंबर 70 में 0.105 हेक्टेयर में दो मकान बन गए हैं। नए मकान व चबूतरे के लिए गिट्टी ईंट व खंडे डाल दिए हैं। यहां चार प्लॉट काटे हैं। इसी जमीन से रास्ता निकाल दिया है। सर्वे नंबर 71 में 0.063 हेक्टेयर तालाब पोखर दर्ज है जिसमें तीन मकान बना दिए हैं। यहां मंदिर बनाकर कब्जा कर लिया है। सर्वे नंबर 73 में 0.052 हेक्टेयर में प्लॉट काट दिए हैं। सर्वे नंबर 84 में 0.094 हेक्टेयर और सर्वे नंबर 85 में 0.418 हेक्टेयर शासकीय नाले के रूप में दर्ज है। सर्वे नंबर 74 में 0.021 हेक्टेयर जमीन पर सरकारी कुआं है जो अब नहीं है। बायपास रोड पर स्टार गोल्ड के पास रोड से लगे सर्वे नंबर 64 व 65 में कुल 0.293 हेक्टेयर जमीन शासकीय नाले के रूप में दर्ज है लेकिन यहां अधिकतर नाला खत्म कर दिया गया है। यहां 2.50 करोड़ की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है।
इनका कहना है –
सरकारी भूमि व मंदिर माफी की जमीन पर कब्जा करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही का क्रम जारी है , जिला कलेक्टर के निर्देश पर कार्यवाही की प्रक्रिया जारी है , शीघ्र ही ज़मीनों को कब्जा मुक्त कराया जाएगा – सिद्धार्थ भूषण शर्मा , तहसीलदार शिवपुरी