रसद माफिया का खेल: खा गए राशन पी गए तेल, छापामारी से खुली पोल तो प्रेशर पॉलिटिक्स शुरु

50 लाख के राशन घोटाले में बड़े नेक्सस की मिलीभगत

-वेयर हाउसों में चल रहे हैं बड़े बड़े स्कैम, सड़कोंं पर जनता का कोहराम
-तीन तीन माह का गायब हो रहा राशन, यह कैसा माफिया मुक्त प्रशासन?

शिवपुरी में सत्ता पोषित रसद माफिआयों ने समूचे जिले में हालत यह कर डाली है कि गरीबों के राशन पर सरेआम डाकाजनी की जाकर अब तो इसे विभिन्न ब्रांडों का नाम देकर बाजार में चौगुने मुनाफे पर बेचा जा रहा है। यह सब प्रशासनाधीशों की नाक के नीचे हो रहा है और उन्हे पता नहीं यह बात आसानी से गले नहीं उतरती। कोलारस पोहरी से लेकर शिवपुरी करैरा और पिछोर सबडिवीजनों के भीतर लोग दो जून के निवाले के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। पीडीएस सिस्टम कतिपय नेताओं के लिए सोने के अण्डे देने वाली मुर्गी साबित हो रहा है। संतरी से लेकर मंत्री तक सब बेखबर होने का स्वांग कर रहे हैं जबकि इस हमाम में सभी एक जैसे दिखाई दे रहे हैं। खाद्य विभाग की हालत तो इस कदर से बदतर है कि यहां अरसे से जमे अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के द्वारा राशन दुकानों, गोदामों और डेयरियों पर क्या कुछ चल रहा है इसको अनदेखा करना इनकी कमाई का जरिया बन चुका है।
गत रोज शिवपुरी सब डिवीजन के नीमडांडा मझेरा में स्थिति एक गोदाम पर कलेक्टर की तत्परता से प्रशासनिक अधिकारियों ने छापा मारा और वहां जो घालमेल प्रथम दृश्य मिला उसको देखते हुए यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि यह सब उच्च स्तरीय मिली भगत से अंजाम दिया जा रहा संगठित अपराध है। इस नेक्सस में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, प्रशासन एवं रसद माफियाओं के साथ कतिपय नेताओं की भूमिका भी अब जांच के घेरे में आ गई है। प्रकरण को रफा दफा कराने के लिए सक्रिय माफिया के प्रयासों की अनुसनी कर प्रशासन और पुलिस महकमा यदि प्रकरण को पूरी ईमानदारी से अंजाम तक पहुंचाता है तो जरुर यह कार्यवाही मील का पत्थर साबित होगी मगर ऐसा होने दिया जाएगा इसकी संभावना इसलिए क्षीण प्रतीत हो रही है कि यहां प्रशासन पर प्रेशर पालिटिक्स शुरु हो चुकी है।


इतना बड़ा खेल वह भी खुलेआम… क्या कर रहे थे जिम्मेदार?

1150 बोरी गेहूं और 1180 बोरी पीडीएस का चावल पकड़ा-
गत मंगलवार की रात करीब 9 बजे इस कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने वेयरहाउस से बड़ी मात्रा में पीडीएस का चावल और गेहूं जब्त किया। प्रथम दृष्टया जो कहानी सामने आ रही है उसके तहत इस गोदाम का मालिक पीडीएस का चावल खरीदता था और उसे पॉलिश कर भारत ब्रांड के नाम से 10 किलो के पैकेट बनाकर 290 रुपये में बेचता था। इस छापेमारी के दौरान 1580 बैग भारत ब्रांड चावल के और 1150 क्विंटल गेहूं बरामद किया गया। एसडीएम उमेश कौरव की माने तो कुल लगभग 50 लाख रुपये का माल मौके से बरामद किया गया है। इसके बाद वेयरहाउस को सील कर दिया गया छापेमारी के दौरान गोदाम से 50 लाख रुपए का माल बरामद किया गया जिसमें से 1150 क्विंटल गेहूं और चावल के 1580 बैग शामिल थे। मौके पर मौजूद ट्रक क्रमांक एमएच 18 बीजी 0925 भी बरामद हुआ जिसमें 88 अन्य बैग भी थे, हालांकि सायरन की आवाज सुनकर ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। गोदाम मालिक अभिषेक तायल और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। यहां सरकारी गेहूं चावल किस चैनल से पहुंच रहा था, इसमें खाद्य विभाग के अफसरों से लेकर ट्रांसपोर्टर एजेेंसी की भूमिका भी जांची जाना चाहिए। गरीबों के राशन को हड़पने की कहानी का इतना बड़ा सच सामने आने के बाद भी यदि शिवपुरी में यह सब चलता रहा तो यह दुर्भाग्य पूर्ण ही कहा जाएगा। जिले के कोलारस, बदरवास, सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी यह नेक्सस सक्रिय है। गोदामों में क्या कुछ काला पीला चल रहा है इसे उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित कर जांच के दायरे में लिया जाए तो एक से बढ़कर एक चौंकाने वाले खुलासे होना तय है।
लोगों का तीन तीन महीने का राशन गायब है और वे सड़कों से लेकर जनसुनवाई में अफसरों के वातानुकूलित चैम्बर्स में गुहार लगा लगा कर परेशान हैं किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। सबडिवीजनों में माफियाओं के साथ अफसरों के हमजोली होने का खेल देखना है तो कोलारस अनुविभाग सबसे बड़ी नजीर के तौर पर देखा जा सकता है जहां सत्ता माफिया और नौकरशाही का त्रिकोंण इस कदर से भूखा है कि वे अब गरीब का निवाला भी नहीं छोड़ रहे। देखना यह है कि सांसद सिंधिया के क्षेत्र में माफिया मुक्ति का नारा इस रसद गठबंधन पर कोई असर डालता है अथवा फिर ऐसे मामले रफा दफा होते रहेंगे।

Share this article >
Rahil Sharma
Rahil Sharma
Articles: 93

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from बेचैन नज़र

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading