राजापुर के जंगल में चल रही हैं पत्थर खदानें, अवैध खनन देख बैरंग लौटा उड़नदस्ता

आऊट एरिया मेंं कट रही पत्थरों की रॉयल्टी, फॉरेस्ट में चल रहा खनन।
  • वनों का हो रहा सत्यानाश, कार्रवाई के नाम पर अफसर मौन
  • स्वीकृत एरिया भड़ौरा में नहीं है पत्थर फिर भी आऊट एरिया की कट रही रायल्टी

शिवपुरी में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के संरक्षण में धुआंधार अवैध खनन तेजी पकड़ गया है। हालत यह है कि खुद डीएफओ जंगल क्षेत्र में अवैध पत्थर खनन प्रत्यक्ष में देखने के बावजूद कार्रवाई के नाम पर वे उड़नदस्ते को वापस ले कर बैरंग लौट गए। जिले के शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के राजापुर पिछोर पत्थर खदान क्षेत्र में इन दिनोंं आऊट ऐरिया में अवैध रुप से पत्थर खदानों का संचालन किया जा रहा है। यहां चल रहे अवैध खनन को लेकर दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित की जिस पर वनमण्डलाधिकारी सुधांशु यादव गत रोज उड़नदस्ते के साथ मौके पर गए, तब लगा कि फारेस्ट का यह लाव लश्कर कार्रवाई करेगा मगर यहां आंखों के सामने वन क्षेत्र में चलते अवैध उत्खनन को देखकर डीएफओ कुछ निर्देश देकर वापस लौट आए।

इस समय पिछोर क्षेत्र में कोल्हू घाट, चौकड़ा, वाणी, राजापुर में बड़े स्तर पर बेतहाशा पत्थर खनन हो रहा है। खदान माफिया यहां वन विभाग के आला अधिकरियों के साथ मुलाकात करते भी देखे गए हैं। जाहिर सी बात है कि यह सब मिलीभगत के चलते हो रहा है, अन्यथा कोई कारण नहीं कि वन क्षेत्र में गैर वानिकी गतिविधियां चल पाएं। यहां यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि भड़ोरा खदान क्षेत्र मेें जो लीज 1318/4 सर्वे नम्बर पर स्वी$कृत है उसकी ओट में समूचा क्षेत्र अवैध रुप से खोदा जा रहा है और पत्थर की निकासी इसी स्वीकृत एरिया की रायल्टी के माध्यम से की जा रही है। माइनिंग विभाग और वन विभाग से लेकर राजस्व विभाग और पुलिस विभाग तक इस अवैध खनन पर चुप्पी साधे हैं, माइनिंग के अधिकरियों को इतनी तक फुर्सत नहीं कि वे यहां यह भी गौर कर सकें कि जिस एरिया में रायल्टी काटी जा रही है वहां इस मात्रा में पत्थर खनित हो भी रहा है अथवा नहीं, यदि मौके पर स्वीकृत एरिया का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आना तय है। यहां फारेस्ट को बड़े स्तर पर क्षति पहुंचाई जा रही है।

वन विभाग के आला अधिकारी अपनी ऊंची पहुंच के बूते गैर वानिकी गतिविधियों को हवा दे रहे हैं। बड़ा सवाल यह कि जब प्रत्यक्ष में वन क्षेत्र में खनन होता पाया तो आखिर वह कौन सी वजह रही कि उड़नदस्ता बैरंग लौटाया गया, माइनिंग के लीज होल्डर आखिर किस काम से वन विभाग के अधिकारियोंं से मेलमुलाकातों में तल्लीन हैं। कुल मिलाकर जिले में अवैध पत्थर और रेत खनन इस समय राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण में द्रुतगति से चल रहा है कोई रोकने टोकने वाला नजर नहीं आ रहा।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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