- पुजारी ने मंदिर की भूमि मुक्त कराने एसपी, कलेक्टर से लगाई गुहार
एक तरफ सरकार देशभर में मंदिरों की जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने ने के लिए बड़े बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ शिवपुरी की जमीनी हकीकत यह है कि जिस मंदिर की भूमि के प्रबंधक खुद कलेक्टर हैं उस भूमि को अतिक्रमणकारियों ने अपने कब्जे में ले रखा है और पुजारी हाथों में आवेदन लेकर कभी डीएम के पास तो कभी एसपी के पास भटकते फिर रहे हैं। शिवपुरी के पंचमुखी महादेव मंदिर के पुजारी ने नौहरी में स्थित मंदिर की भूमि को कब्जा मुक्त कराए जाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर गुहार लगाई है। मंदिर के पुजारी श्याम सुंदर शर्मा का कहना है कि पंचमुखी महादेव मंदिर की भूमि जो नौहरी खुर्द में स्थित है, इसके सर्वे नंबर 190, 193, 195, 224, 225, 435, 436, 439, 442 जो करीब 3.447 हेक्टर है। इस भूमि के प्रबंधक खुद शिवपुरी कलेक्टर हैं।
मन्दिर की इस भूमि पर एक सेवानिवृत पुलिस निरीक्षक पीएन करारे और उनके भाई विष्णू करारे ने कब्जा कर लिया है। पुजारी श्याम सुन्दर पुत्र गोपाल कृष्ण शास्त्री निवासी पुरानी शिवपुरी को अनुविभागीय अधिकारी शिवपुरी ने 13 अगस्त 2021 को इस पंचमुखी मंदिर का पुजारी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति पुजारी श्याम सुंदर शर्मा के पिता गोपाल कृष्ण शास्त्री की मृत्यु के उपरांत की गई है जो की मंदिर के पूर्व पुजारी थे।आरोप है कि इस मंदिर की जमीन पर सेवानिवृत पुलिस निरीक्षक प्रेम नारायण तथा उनके भाई विष्णु करारे ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। इस भूमि से कब्ज़ा हटाए जाने की गुहार लेकर जब पुजारी उनके पास पहुंचा तो पुजारी को मारने पीटने की धमकी दी गई और मौके से भगा दिया गया।
मंदिर की भूमि पर फ सल उगाई जा रही है और अतिक्रमणकारियों द्वारा इस फसल का प्रयोग स्वयं के हित में किया जा रहा है। पुजारी ने 30 जनवरी को शिवपुरी पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह को इस संबंध में समस्त दस्तावेजों सहित शिकायती पत्र सोपा है जिसमें भूमि को सेवानिवृत्ति निरीक्षक और उसके परिजनों से मुक्त कराए जाने की मांग की गई है, इसी तरह का एक आवेदन कलेक्टर को भी सौंपा गया है जो जनसुनवाई में क्रमांक 287 पर 30 जनवरी 2024 को दर्ज किया गया है। यहां बता दे कि प्रशासन की नाक के नीचे न केवल इस पंचमुखी महादेव मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जा जारी है वहीं अन्य कई मंदिरों की जमीन भी अतिक्रमण की जकड़ में है, और प्रशासन इन्हें मुक्त करने के प्रतिलेश मात्रा भी संजीदा दिखाई नहीं दे रहा।