- दंगल का अखाड़ा बन गया राजनीति का मैदान
- प्रीतम ने लगवाए पोस्टर हाईकोर्ट ने केपी को दी अनुमति
पिछोर की राजनीति अन्य क्षेत्रों से हटकर चलती है। यहां राजनीति के दो दिग्गजों के बीच चली आ रही राजनैतिक खींचतान के बीच यहां के कमलेश्वर में आयोजित होने वाला कमलेश्वर मंदिर मेला और स्व ठाकुर धीरज सिंह के समय से चली आ रही इस मेले में कुश्ती की परंपरा इस वर्ष राजनीति का शिकार हो गई। पूर्व विधायक केपी सिंह कक्काजू प्रतिवर्ष इस मेले का और अखिल भारतीय दंगल प्रतियोगिता का आयोजन करवाते रहे थे, जिसमें भारत भर से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पहलवान इस प्रतियोगिता में भाग लेते थे किंतु इस वर्ष केपी सिंह के विधानसभा चुनाव हारने के बाद पिछोर विधायक बने प्रीतम सिंह लोधी ने इस मेले के आयोजन के लिए पहले ही एसडीएम से अनुमति ले ली।
जबकि यह मेला पंचायत की देखरेख में भरवाया जाता था और इसकी व्यवस्था ग्राम पंचायत करारखेड़ा करती थी क्योंकि यह ग्राम पंचायत पूर्व विधायक के पी सिंह का पैत्रिक गांव करारखेड़ा है, इसलिए वह अपने पिताजी स्वर्गीय ठाकुर धीरज सिंह की स्मृति में अखिल भारतीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन पिछले 40 वर्षों से करवाते रहे थे। पिछोर विधायक प्रीतम सिंह लोधी ने केपी के गांव में कमलेश्वर मेला भरवाने की अनुमति एसडीएम से ले ली और स्वयं कमलेश्वर मेले का उद्घाटन के लिए बैनर पोस्टर भी पिछोर में और अनेक गांवों में लगवा दिए, और संपूर्ण मेले के आयोजन की तैयारी भी पूरी कर ली, जिसके कारण क्षेत्र में असहज स्थिति उत्पन्न होती दिखाई दी। इस दौरान पूर्व विधायक के पी सिंह ने उच्च न्यायालय खण्ड पीठ में पिछले 40 वर्षों के फोटो चित्र सबूत के साथ पेश करके ग्राम पंचायत द्वारा मेला भरवाने की अनुमति और विधायक प्रीतम सिंह की अनुमति खारिज करने की अपील कर दी इस कारण उच्च न्यायालय खंडपीठ ने विधायक प्रीतम सिंह की अनुमति पर स्टे देते हुए ग्राम पंचायत करारखेड़ा को मेला भरवाने की अनुमति दे दी और यह अनुमति मेला भरने के एक दिन पहले ही दी गई जिसके कारण विधायक प्रीतम को कोई मौका ही नहीं मिला और उनके कमलेश्वर मेला दंगल के बैनर लगे ही रह गए।
इन परिस्थितियों में क्षेत्र में एक बार फिर अजीब सा तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया। यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भी ग्राम पंचायत करारखेड़ा में विधायक प्रीतम के समर्थकों और केपी सिंह समर्थकों के बीच पथराव का घटनाक्रम सामने आया था, जिसके चलते अब ग्राम पंचायत करारखेड़ा ने मेला भरवाने की औपचारिकता पूरी करते हुए मेले में दंगल से हाथ खीेंच लिया। बताया जाता है कि दंगल होने की स्थिति में यहां अधिक भीड़ होने से उपद्रव होने का खतरा उत्पन्न हो गया था, जिससे पूर्व विधायक के पी सिंह ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अखिल भारतीय दंगल प्रतियोगिता को रद्द करना पड़ा और उन्होंने शांति का माहौल बनाने में लोगों से अपील की।