आधी रात के बाद भी होता है कान फाडू धूम धमैया
प्रशासन एक आदेश जारी कर चुप्पी ओड़ लेता है उस पर अमल किस हद तक हुआ धरातल पर क्या कुछ सुधार हुआ इसकी मॉनिटरिंग पर किसी का कोई ध्यान नहीं होने से यहां के हालात जस के तस नजर आते हैं।
यहां पिछले दिनों यातायात पुलिस ने मैरिज गार्डन्स को नोटिस बांटे, इससे पहले नपा भी पंजीयन के लिए नोटिस बांट चुकी हैं, और इन सबसे बढ़कर हाईकोर्ट भी जनहित याचिका में आदेश देकर गाईड लाइन जारी कर चुका है।इन सब के बावजूद विवाह घरों में व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहीं। यहां अब एकादशी के बाद यानि शादी विवाहों की धूम शुरु हो गई है, मगर प्रशासन का कोई गौर इन नियम विरुद्ध संचालित विवाह घरों पर नहीं है। शिवपुरी में शहर से लगे आउट एरिया में विवाहों के सीजन में अराजकता के हालात दिखाई देते हैं। यहां लोगों को आवागमन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। जगह.जगह जाम लगते हैं। विवाह घरों के भीतर नियमानुसार पार्किंग ना होने के कारण वाहनों को आम रास्तों और सड़कों पर खड़ा कर दिया जाता है जिसके कारण सड़कें बाधित हो रही हैं और उन पर यातायात अवरुद्ध होने से अराजकता पूर्ण हालात बनते हैं। बाजारों में निकलने वाली बारातों के लिए भी कोई नियम कानून बाध्यकारी नहीं है। यहां सड़कों पर घंटों तक लोग जाम में फं से रहते हैं और सड़क पर बारातियों की भीड़ देखते ही बनती है।
हाईकोर्ट ने यह दिया था आदेश बनाई थी गाईड लाइन
यहां यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि हाई कोर्ट की खंडपीठ ग्वालियर द्वारा 10 दिसंबर 2014 को इस संबंध में मैरिज गार्डन संचालन संबंधी दिशा निर्देश और गाईड लाइन जारी की गई थी। जिसके तहत विवाह घरों के लिए पंजीयन उप विधियां भी बनाई गई थी और तय नियमावली के तहत प्रत्येक विवाह घर को नगर पालिका शिवपुरी में पंजीयन कराना आवश्यक किया गया था।
खंडपीठ ग्वालियर ने स्पष्ट तौर पर निर्णय दिया था कि प्रत्येक विवाह घर को अपनी कुल क्षमता का 35 प्रतिशत भाग वाहनों की पार्किंग हेतु छोड़ना अनिवार्य है। जनहित याचिका के क्रम में पारित आदेश में यह भी कहा गया था कि किसी भी विवाह घर में 10 डेसीबल से अधिक क्षमता से अधिक का म्यूजिक सिस्टम डीजे का उपयोग नहीं किया जाएगा और रात्रि 10:00 बजे से प्रात: 6:00 बजे तक किसी भी स्थिति में डीजे या अन्य वाद्य यंत्र नहीं बजाए जा सकेंगे। उक्त आशय के आदेश शिवपुरी कलेक्टर और नगरपालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी को पारित किए गए थे। इन आदेशों की यहां सार्वजनिक तौर पर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।शहर में स्थिति यह बनती है कि रात्रि 2:00 बजे तक भी विवाह घरों में न केवल फु ल साउंड में डीजे और बैंड बजाए जाते हैं, बल्कि रात रात भर आतिशबाजी की आवाज में भी लोगों की नींद में खलल डालती है। प्रशासन का यह कृत्य धारा 12 कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट एक्ट के तहत आता है मगर अधिकारियों को परवाह कहां।