- परिवारवाद को मिली शह पर शह से दूर छिटक रहे उनके अपने
कोलारस विधानसभा में त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला है यहां हाथ, हाथी और कमल के बीच टक्कर है। कांग्रेस से बैजनाथ यादव, भाजपा ने सिंधिया समर्थक महेन्द्र यादव को चुनाव मैदान में उतारा है, बसपा से नवल धाकड़ मैदान मेें है। अब यहां के समीकरण देखें तो बसपा चुनाव जीतने की स्थिति में भले ही न हो लेकिन बसपा ने यहां भाजपा का गणित गड़बड़ा दिया है। यह स्थिति इसलिए क्योंकि बसपा से नवल धाकड़ प्रत्याशी हैं और किरार वोटर कोलारस में एक बड़ा डिसाईडिंग फैक्टर है। परम्परागत तौर पर किरार मतदाता भाजपा का प्रतिबद्ध मतदाता रहा है, लेकिन मुकाबले में सजातीय नवल धाकड़ के मार्फत अपनी ताकत दिखाने का यह अवसर वोटर चूकना नहीं चाह रहा और यही मत विभाजन भाजपा की सिरदर्दी बन गया है।
बात करें कांग्रेस की तो जिस परिवारवाद के कारण शुरुआत में भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र यादव को क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ रहा था वही स्थिति अब कांग्रेस प्रत्याशी के परिजनों के कारण उपजती दिखाई देने लगी है। भाजपा से त्यागपत्र देकर कांग्रेस में आए बैजनाथ सिंह यादव के को जहां उनके उम्र के पड़ाव के चलते लगभग अंतिम चुनाव समझकर मतदाता वोट देने का मानस बना रहे हैं मगर यहां उनका फैमिली फैक्टर उन्हें क्षेत्र में दिक्कत खड़ी करता जान पड़ रहा है। यहां कांग्रेस ने शुरुआत में अच्छी बढ़त बनाई थी मगर अब भाजपा प्रत्याशी ने भी अपना मैनेजमेंट जमा लिया है और यह मुकाबला नेक टू नेक फाइट पर आ पहुंचा है। कोलारस में यादवों का बड़ा वर्ग वर्तमान परिस्थितियों में महेन्द्र यादव से इसलिए छिंटक कर कांग्रेस के साथ खड़ा हो गया क्योंकि वहां सिंधिया के सामने अन्य कोई चेहरा रामसिंह यादव परिवार को छोड़कर ऐसा विश्वसनीय नजर नहीं आता जिस पर वे चुनावी भरोसा कर सकें। जनपद, जिला पंचायत, कांग्रेस अध्यक्ष, सांसद, विधायक, पिता, पुत्र, पुत्री और नातिन से लेकर सब कुछ एक ही परिवार के हिस्से आना अन्य की उम्मीदों को तोड़ने वाला बिन्दु है ऐसे में अन्य लोगों का यहां से छिटकना बेवजह नहीं है।
इस परिवारवाद को दी जा रही शह पर शह ने जहां भाजपा को मुश्किल पैदा कर दी है वहीं भाजपा के समक्ष बसपा के नवल धाकड़ द्वारा पेश की गई चुनावी चुनौती उसके वोट बैंक को क्षतिकारक साबित हो रही है। कांग्रेस प्रत्याशी बैजनाथ सिंह का आरोप है कि भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र सिंह के दो ब्लाकों में दो एजेंट नियुक्त हैं और वे ही सारा हिसाब किताब देखते हैं। यहां राशन दुकानों से लूट खसोट के आरोप से लेकर जिला पंचायत तक में मची कमीशन खोरी के आरोप भी खुले में उछल रहे हैं। आरोप कांग्रेस प्रत्याशी और उनके पुत्रों पर भी उछल रहे हैं बैजनाथ के नाती बेटों का तकुए सा बिछा देंगे जैसा डायलॉग चर्चा में छाया हुआ है।
यहां चुनाव के अंतिम दौर में विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने बैजनाथ का साथ देते हुए चुनावी सभाओं मेंं शिरकत करना शुरु कर दिया है। कांग्रेस का माहौल बनाने के लिए सचिन पायलट से लेकर दिग्विजय सिंह तक यहां चुनावी सभा के लिए आ चुके हैं। तो भाजपा की ओर से कोलारस मेंं प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सहित अन्य दिग्गजों की सभाएं हो चुकी हैं। अब कल मतदान होना है कुछ मतदान केन्द्रों पर हालात संवेदनशील हैं।