अब चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस में बवाल खड़ा होता दिखाई दे रहा है। जो सिंधिया समर्थक भाजपाई टिकट की उम्मीद से चुनावों के ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे वे अब कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ खुल कर मुखर हो रहे हैं। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पद से त्याग पत्र सौंपकर राकेश गुप्ता खुद स्वेच्छा से सिंधिया का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे, उन्होंने कहा कि वहां उनका सम्मान नहीं हो रहा था और वहां घुटन हो रही थी। अब जबकि राकेश गुप्ता को शिवपुरी विधानसभा से टिकट नहीं मिला और उनके स्थान पर पार्टी ने केपी सिंह को पिछोर की बजाए शिवपुरी से प्रत्याशी बना दिया तो राकेश गुप्ता ने कांग्रेस नेतृत्व के इस निर्णय पर मीडिया में सवाल उठाते हुए स्पष्ट तौर पर कहा है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने सर्वे के नाम पर हमें मूर्ख बनाया है। वे बताऐं कि शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने कौन सा सर्वे कराया था और पिछोर विधानसभा सीट से अरविंद लोधी का नाम किस सर्वे में सामने आया था जिसके आधार पर उन्होंने टिकट दिए हैं। राकेश गुप्ता ने एक्स पर ट्वीट करके कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से सर्वे के नाम पर सवाल पूछा है।
मीडिया से चर्चा करते हुए राकेश गुप्ता ने कहा कि पिछले 6 माह से वे जिस सर्वे का गाना गा रहे थे उस सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया। मुझे आश्वासन दिया गया था, हमें कहा गया कि कांग्रेस की नींव आपके परिवार ने रखी है, इस पर अच्छा मकान बनाईये। हमारा सर्वे अच्छा गया था तभी हमें पार्टी में लिया गया था, फिर हमें क्यों सर्वे के नाम पर मूर्ख बनाया गया? राकेश गुप्ता ने कहा कि मेरी किसी से नाराजगी नहीं है केपी सिंह का स्वागत है, वे चुनाव लड़े मैदान में, लेकिन शीर्ष नेतृत्व को बताना चाहिए कि उन्होंने क्या शिवपुरी से केपी सिंह का सर्वे कराया था? क्या पिछोर से अरविंद लोधी का सर्वे कराया था, इस सर्वे रिपोर्ट का खुलासा होना चाहिए। यदि यह निर्णय करना था तो हमे भी विश्वास में लेना चाहिए था मगर हमें भ्रम में रखा और मूर्ख समझा गया इस बात का दुख है। पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
भाजपा से देवेन्द्र जैन को टिकट मिलने के बाद बहनोई का बयान सामने आया
पिछले दिनों भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए राकेश गुप्ता ने जिस तरह से टिकट कटने पर मन की भड़ास अब ट्विटर पर निकाली है, और मीडिया में जो बयान देते हुए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के निर्णय पर सवाल उठाए हैं, उसके राजनैतिक निहितार्थ भी सामने आ रहे हैं। दरअसल शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी बनाए गए देवेन्द्र जैन पत्तेवालों के सगे बहनोई है। ऐसे में कांग्रेस में रहते हुए राकेश गुप्ता पारिवारिक सम्बंधों को राजनीति से परे रख पाऐंगे इसकी सम्भावना कम है। हालांकि राकेश गुप्ता ने कांग्रेस छोड़ने जैसी कोई मंशा अब भी नहीं जताई है लेकिन वे जिस तरह से कांग्रेस के सर्वे पर सवाल खड़े कर रहे हैं उससे उनकी नाराजगी उभर कर सतह पर आ गई है।