अब पहली बार पिछोर में लोधी विरुद्ध लोधी में मुकाबला
कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची जारी कर शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा में अपना प्रत्याशी बदलकर सबको एक बार फिर चौंका दिया है। कांग्रेस ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची में शैलेंद्र सिंह जूदेव का टिकट काटकर पिछोर विधानसभा से अपना उम्मीदवार अरविंद लोधी चुना है। अब भाजपा के प्रीतम लोधी के विरुद्ध अरविंद लोधी उम्मीदवार होंगे।
यहां बता दें कि अरविंद लोधी करीब 20 साल से राजनीति में हैं, शुरुआत में अरविंद लोधी ने भाजपा में काम किया था लेकिन बाद में कांग्रेस से विधायक केपी सिंह कक्काजू के साथ मिलकर कार्य करने लगे। क्षेत्रीय पकड़ के चलते वर्तमान में अरविंद लोधी की पत्नी अनिता लोधी खनियाधाना जनपद पंचायत की अध्यक्ष हैं। उन्होंने जनपद अध्यक्ष के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष प्रहलाद सिंह यादव को हराया था। उनके इस चुनाव में पिछोर विधायक केपी सिंह कक्काजू का भरपूर सहयोग रहा था। अरविंद लोधी मूलत: खनियाधाना तहसील के मुहारी कला गांव के रहने वाले हैं। एमए तक शिक्षित लोधी का परिवार भी राजनीति से जुड़ा रहा है। उनके गृह ग्राम में पिछले 20 सालों से सरपंची उनके परिवार या उनसे जुड़े लोग करते आ रहे हैं। अरविंद लोधी भी शुरू से ही क्षेत्रीय राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
पिछोर विधानसभा में ढाई लाख मतदाता हैं जिनमें सबसे ज्यादा मतदाता 40 हजार के लगभग लोधी समाज से है। यही वजह है कि पिछले दो बार से भाजपा प्रीतम लोधी को अपना प्रत्याशी बनाते हुई आई है। वर्ष 2018 में प्रीतम लोधी का हार का अंतर 2675 वोट का रहा था। इसी के चलते एक बार फिर भाजपा ने लोधी वोट बैंक को देखते हुए प्रीतम लोधी को अपना प्रत्याशी पहली ही सूची में घोषित कर दिया था। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस बार अपने 30 साल से पिछोर विधायक केपी सिंह कक्काजू को शिवपुरी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है साथ ही केपी सिंह कक्काजू की सहमति के साथ लोधी वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए लोधी समाज के नेता अरविंद लोधी को मैदान में उतारा है। लोधी को कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने का फायदा केपी सिंह को शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के लोधी बहुल गांवों में भी मिलेगा जहां करीब 10 हजार के लगभग लोधी वोटर्स हैं।