प्रीतम पर क्रिमिनल केसों की फेहरिस्त बनी चुनावी फांस, एक्शन मोड में आयोग

प्रीतम पर केसों की फांस
  • चुनाव आयोग ने कलेक्टर को भेजा शिकायती पत्र
  • नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही जांच में लिया जाएगा शिकायती पत्र

इस समय पिछोर चुनाव प्रत्याशी के कारनामों के चलते चर्चा में है। एक तरफ ब्राह्मण समाज के जबरदस्त विरोध दूसरी तरफ चुनाव आयोग में आपराधिक छबि संबंधी शिकायत के बाद पिछोर से भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। कोई बड़ी बात नहीं की पार्टी खुद इस मुद्दे पर संज्ञान लेकर कोई कदम उठाए। भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी प्रीतम लोधी इन दोनों जनसंपर्क अभियान के दौरान आपराधी के छवि का बखूबी बखान करते वायरल हो रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी के विरुद्ध लगभग 50 से आपराधिक मामले हैं दर्ज हैं, जिनमें कई संगीन किस्म के प्रकरण हैं। हालांकि वह खुद प्रीतम अपने प्रचार अभियान के दौरान स्वयं पर 65 आपराधिक मुकदमे होने संबंधी बयान देते रहे हैं लेकिन अब उनका यह पेेंच इलेक्शन कमीशन को की गई शिकायत के बाद उलझता दिखाई दे रहा है। इस सम्बंध में प्रीतम के विरुद्ध शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से ग्वालियर कलेक्टर के यहां आई है, संभावना जताई जा रही है कि निर्वाचन में नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही रिटर्निंग ऑफिसर इस शिकायत में वर्णित तथ्यों की छानबीन नियमानुसार कराएंगे।

जिले में विधानसभा चुनाव से जुड़े नोडल अधिकारी देवेंद्र सुंदरयाल ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रीतम लोधी के विरुद्ध चुनाव आयोग से शिकायत एक शिकायत आई है, इनका कहना है कि अभी नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है ऐसे में रिटर्निंग ऑफिसर को इस तरह की शिकायतों पर संज्ञान लेना होता है। लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक मामलों में लिप्त किसी प्रत्याशी के विरुद्ध जो कार्यवाही मूलक प्रावधान दिए गए हैं उसके अनुसार जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी। यहां बता दें कि भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी पहले दो चुनाव पिछोर से हार चुके हैं और तीसरी बार फि र से भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ब्राह्मण समुदाय के भारी विरोध के बावजूद पिछोर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। उल्लेखनीय है कि प्रीतम लोधी ने ब्राह्मण समाज के विरुद्ध पिछले वर्ष आपत्तिजनक भाषण दिया था जिसे लेकर उन पर कई मुकदमे दर्ज हुए और पार्टी से निष्कासन भी हुआ लेकिन बाद में भाजपा ने 6 साल के निष्कासन को साल भर के भीतर खत्म कर न केवल प्रीतम लोधी को पार्टी में वापस ले लिया बल्कि उन्हें टिकट भी थमा दिया। जिसके चलते ब्राह्मण समुदाय ने स्थान स्थान पर भाजपा से इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए ज्ञापन भी दिए हैं।

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Aarav Kanha
Aarav Kanha
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