- Congress की सदस्यता के साथ ही शिवपुरी विधानसभा के प्रबल दावेदार
- कहा मप्र के चुनावी नतीजे कर्नाटक की फोटो कापी 2 होंगे
- सिंधिया फैक्टर से परेशान होकर पहले छोड़ी कांग्रेस अब छोड़ना पड़ी भाजपा
सितम्बर के पहले सप्ताह में बड़े राजनैतिक बदलाव होने सम्बंधी बेचैन नज़र के पूर्वानुमान सटीक साबित हुए। गत 31 अगस्त को कोलारस के BJP विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने BJP से नाता तोड़ कर इस्तीफा दिया और आज 2 सितम्बर को उन्होंने राजधानी भोपाल पहुंच कर कमलनाथ की मौजूदगी में Congress की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस दौरान Congress के राष्ट्रीय पदाधिकारी रणदीप सुरजेवाला भी इस सदस्यता समारोह में मौजूद रहे। यहां बता दें कि वीरेन्द्र रघुवंशी के Congress की सदस्यता ग्रहण करने से एक दिन पूर्व ही Congress ने शिवपुरी विधानसभा से उम्मीदवारी के पैनल में उनके सिंगल नाम का एलान कर दिया।
कमल छोड़ कर कमलनाथ के साथ Congress का हाथ थामने वाले विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने BJP सरकार और सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर मंच से ताबड़तोड़ हमला बोला। शनिवार को भोपाल में उन्होंने Congress की सदस्यता ग्रहण कर ली। अब वीरेन्द्र का शिवपुरी विधानसभा से चुनाव लड़ना तय है। अब Congress उनको सिंधिया विरोधी के तौर पर चुनाव मैदान में इस्तेमाल करेगी। ज्ञातव्य है कि BJP छोड़ने के समय प्रेस वार्ता कर वीरेंद्र रघुवंशी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि जिन लोगों की वजह से मैने Congress छोड़ी थी वहीं लोग BJP में शामिल होकर विकास के कार्यों में रोड़ा अटकाने का कार्य कर रहे थे।
क्या एमपी के चुनावी नतीजे भी कनार्टक की फोटो कापी साबित होंगे ?
राजधानी में Congress की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज एक.एक हजार देकर सरकार बनाने का सपना देख रहे हैं। जबकि एमपी में बेरोजगारों को रोजगार चाहिए क्षेत्र में उद्योगों की आवश्यकता है किसानों को उपार्जन के उचित मूल्य की आवश्यकता है। जनता इस बंदरबाट की सरकार को इस बार उखाड़ फेंकेगी। इस बार मध्यप्रदेश को ज्योतिरादित्य के लूट और झूठ से बचाना है। इस बार आने वाले विधानसभा के परिणाम कर्नाटक की फोटो कॉपी 2 होगी।
Congress से शुरु की राजनीति, शिवपुरी से रह चुके हैं विधायक
विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी को ज्योतिरादित्य सिंधिया ही Congress की राजनीति में लेकर आए और उन्हीं के द्वारा वीरेन्द्र को 2007 के शिवपुरी उपचुनाव में प्रत्याशी बनवाया गया। बाद में दोनों के बीच शुरु हुई अनबन के चलते वीरेन्द्र ने कौंग्रेस छोड़ी और उसी सिंधिया फैक्टर से परेशान होकर वे अब भाजपा से पल्ला झाड़ आए हैं।
Congress के टिकिट पर 2007 में शिवपुरी विधानसभा से उपचुनाव लड़े थे। जिसमें उन्होंने पूरी सरकार के खिलाफ जाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिलकर 7781 मतों से BJP के प्रत्याशी गणेश गौतम को मात दी थी। उसके बाद फि र 2008 में हुए चुनाव में वीरेन्द्र को Congress ने फिर से अपना प्रत्याशी घोषित किया। इस चुनाव में उनके सामने BJP प्रत्याशी माखनलाल राठौर थे, जिनसे वीरेन्द्र रघुवंशी 1751 मतों से चुनाव हार गए। 2013 मेंं वीरेन्द्र ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया से चुनाव लड़ा और वे 11145 मतों से पराजित हुए। इस दौरान वीरेन्द्र रघुवंशी ने सिंधिया पर अपनी बुआ का प्रचार करने का आरोप लगाते हुए जबरदस्ती पराजित कराने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने श्री सिंधिया से मतभेदों के चलते 2014 में Congress को छोड़ दी और भाजपा का दामन थाम लिया। वीरेन्द्र रघुवंशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर विरोधी नेता के रूप में पहचाने जाने लगे। और उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर खुलकर हमला बोला। जिसके चलते भाजपा ने उन्हें 2018 के चुनाव में कोलारस विधानसभा से टिकिट दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सबसे चहेते महेन्द्र यादव को टिकिट दिलाया। जहां वीरेन्द्र रघुवंशी ने महेन्द्र यादव को 715 मतों से हरा दिया।