सहरिया क्रांति का रक्षा उत्सव सम्पन्न, आदिवासी बहनों ने कार्यकर्ता भाइयों को बांधी राखी

शिवपुरी। आज बहन भाई के प्रेम का प्रतीक पावन त्यौहार रक्षाबंधन सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन के निवास पर धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दूरदराज गांवों से आई आदिवासी बहनों ने यहां आकर सहरिया क्रांति संयोजक और अन्य कार्यकर्ता भाइयों को रक्षा सूत्र बांधकर रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया।
सहरिया क्रांति कार्यकर्ताओं ने बहनों से राखी बनवाने के बाद उनकी रक्षा का संकल्प लिया। महिलाओं ने लोकगीत गाकर भाई बहन के रिश्तों को अमरता दी।


कार्यक्रम में सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन भाई बहनों के बीच अटूट प्रेम और विश्वास का संकल्प लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सहरिया क्रांति आंदोलन में बहनों का अहम योगदान रहा है। वे हमेशा आंदोलन के साथ खड़ी रही हैं। उन्होंने कहा कि सहरिया क्रांति आंदोलन का मुख्य उद्देश्य सहरिया समाज के विकास और उत्थान करना है। हम इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए संकल्पित हैं। साथ ही बहनों के हितार्थ जान भी चली जाये तो गम नहीं ।
कार्यक्रम में सहरिया क्रांति के विजय आदिवासी, औतार सहरिया, केशव सरपंच ,अजय आदिवासी, भदोरिया कक्का के साथ-साथ कई आदिवासी समाज के लोग भी उपस्थित रहे जिन्होंने भी रक्षाबंधन के पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन के लिए आदिवासी बहनों ने विशेष रूप से राखी बनवाई थी जो उन्हें बांधी और बेचैन ने उनकी रक्षा का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में आदिवासी बहनों ने सहरिया क्रांति आंदोलन के कार्यकर्ताओं को राखी बांधी और उनकी रक्षा का आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि सहरिया क्रांति आंदोलन हमारे समाज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हम इस आंदोलन का समर्थन करते हैं।
कार्यक्रम के अंत में आदिवासी महिलाओं ने लोकगीत गाकर भाई बहन के प्रेम को प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि भाई बहन का रिश्ता अटूट है, यह रिश्ता ईश्वरीय है।

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Rahil Sharma
Rahil Sharma
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