- 17 से 48 घण्टे पूर्व खत्म हो जाएगा चुनाव प्रचार का शोर
- 4 सीटों पर कांग्रेस भाजपा में सीधी टक्कर तो पोहरी में त्रिकोणीय संघर्ष
मतदान में अब सिर्फ पांच दिन बीच में हैं। प्रचार के लिए उम्मीदवारों पर सीमित समय शेष है। इसी बीच 12 से 15 तक लोग दीवाली, गोवर्धन पूजा से लेकर भाई दोज के त्यौहार में तल्लीन रहेंगे। मतदान से 48 घण्टे पूर्व चुनाव प्रचार पर रोक लग जाएगी। ऐसे में 13 व 14 की तिथि में ही जो भी जनसम्पर्क और सभाएं होना हैं वही हो पाऐंगी। प्रशासन इस समय पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।
शिवपुरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र की बात करें तो कांग्रेस की ओर से केपी सिंह कक्काजू ने किसी बड़े नेता की सभा के आयोजन की बजाए खुद ही जनसम्पर्क और सभाओं पर ध्यान दिया है। भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन की ओर से ऊमरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवपुरी में सीएम शिवराज चुनावी सभाओं को सम्बोधित कर चुके हैं। शहरी क्षेत्र में जो माहौल बनना था वह लगभग बन चुका है। भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने मुददे जनता के बीच उछाले हैं।
भाजपा को सभी पांचों सीटों पर एण्टी इनकम्बेंसी का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस भाजपा की इसी दुखती रग को अपना हथियार बनाते हुए पिछली 18 साल की नाकामियों को जनता के बीच प्रचार का साधन बनाया है। पोहरी विधानसभा क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी प्रद्युम्र वर्मा और कांंग्रेस के कैलाश कुशवाह के मध्य जबर्दस्त टक्कर है, जिसके बीच भाजपा प्रत्याशी लोनिवि मंत्री सुरेश रांठखेड़ा किरार समुदाय को खुद के पक्ष में मतदान के लिए मनाते देखे जा रहे हैं। वे विधायक चुनने की बजाए खुद को मंत्री बताते हुए मंत्री चुनने की बात कर रहे हैं।
कोलारस में कांग्रेस के बैजनाथ सिंह ने भाजपा के महेन्द्र सिंह के समक्ष कड़ी चुनौती पेश की है यहां बसपा भी मैदान में है मगर असल टक्कर कांग्रेस और भाजपा के मध्य है। पिछोर में लोधी समुदाय का झुकाव अब स्थानीय कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद लोधी के पक्ष में दिखने लगा है यहां कांग्रेस के परम्परागत वोटर्स के साथ यदि लोधी समुदाय और जुड़ता है तो भाजपा के प्रीतम लोधी को यह चुनाव अब तक का सबसे कठिन चुनाव साबित हो सकता है।
केपी सिंह शिवपुरी के अलावा पिछोर में भी चुनाव प्रचार कर दो सीटों का जिम्मा सम्हाल रहे हैं। करैरा में भाजपा के रमेश खटीक को जबर्दस्त भितरघात का सामना करना पड़ रहा है और इन्हें कांग्रेस विधायक प्रागीलाल से कड़ी चुनौती मिल रही है। सिंधिया समर्थक जसमंत जाटव भाजपा के चुनाव प्रचार में सक्रिय नजर नहीं आ रहे। चुनावों के लिहाज से सिर्फ अब तीन दिन ही अहम रह गए हैं। देखना यह है कि अबकी शिवपुरी में चुनावी तस्वीर क्या कुछ रंगत बिखेरती है।